संघ के ट्रंप कार्ड हैं डोनाल्ड

November 06 2016


डोनाल्ड ट्रंप को लेकर अमरीकन एंबेसी ने भारत के विदेश मंत्रालय को एक ’साइलेंट एडवाइजरी’ दी है कि भारत ट्रंप को लेकर थोड़ी सतर्कता बरते। संघ के कई आनुशांगिक संगठनों को ट्रंप निहायत प्यारे लगते हैं क्योंकि उनके मुस्लिम विरोध के स्वर संघ को भी उतने ही रास आते हैं। संघ से जुड़े कई हिंदूवादी संगठनों ने ट्रंप के समर्थन में अमरीका में रह रहे भारतीयों की कई सभाएं आयोजित कीं। ऐसी ही एक ’वर्ल्ड हिंदू कांफ्रेंस’ अमरीका के न्यूजर्सी में भी हुई, जिसमें ट्रंप के समर्थन में तान छेड़ी गई और इस कांफ्रेंस में कई फिल्म स्टार्स ने भी हिस्सा लिया। संघ से जुड़े हिंदूवादी संगठनों का साफ तौर पर मानना है कि एक ट्रंप ही हैं जो मुसलमानों की अतिवादी प्रवृत्ति को असली चुनौती दे सकते हैं। कहते हैं कुछ बड़े भारतीय धन कुबेरों की ओर से ट्रंप को एक बड़ी फंडिंग दी गई है, इस बात की ख़बर हिलेरी को लग गई और उन्होंने अपनी भावनाओं से अमरीकन एंबेसी को अवगत करा दिया। सूत्रों के मुताबिक एंबेसी ने अपनी एडवाइजरी में साफ कर दिया है कि ट्रंप के पीछे ताकत लगाने से भारत को कोई लाभ नहीं होने वाला। शायद यही वजह रही कि जब दिल्ली भाजपा के नेता विजय जौली ’हिंदूज़ फॉर ट्रंप’ के नाम से एक बैठक करने जा रहे थे तो भाजपा आलाकमान ने उन्हें बुलाकर डपट दिया- ’हमारा काम दूसरे देशों के चुनाव में दखल देना नहीं है, हमारे हर सरकार से बेहतर रिश्ते होने चाहिए।’

 
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