रामविलास के चिराग |
June 21 2014 |
हालिया लोकसभा चुनाव में अपने 7 में से 6 पार्टी उम्मीदवारों को जीत दिलवाने के बाद पिता-पुत्र द्वय यानी रामविलास व चिराग पासवान के हौंसले बेहद बुलंद हैं। रामविलास पासवान बतौर कैबिनेट मंत्री जहां अपने मंत्रालय को नया ‘लुक’ देने में व्यस्त हैं, वहीं चिराग पासवान पार्टी संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस मामले में पासवान की पार्टी लोजपा को अव्वल माना जा सकता है कि उसने बिहार विधानसभा के आसन्न चुनावों के मद्देनजर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया अभी से आरंभ कर दी है, जबकि गठबंधन की बड़ी पार्टी भाजपा ने अब तक यह तय नहीं किया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में लोजपा को कौन-कौन सी सीटें दी जाएगी, पर लोजपा फिलवक्त सातों लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर अपना फोकस रख रही है, चिराग इस बात से इंकार कर रहे हैं कि नीतीश द्वारा जीतन मांझी एक दलित सीएम बनाए जाने के बाद दलित वोटों का ध्रुवीकरण जदयू के पक्ष में होगा। चिराग ने नीतीश के समक्ष चुनौती उछाली है कि अगर नीतीश को सचमुच प्रदेश के दलितों से इतना प्यार है तो वह जीतन मांझी को आने वाले चुनाव में जदयू के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करें। पिछले दिनों जदयू संसदीय दल ने नीतीश को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करते हुए उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। |
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