राजनाथ को राज? |
May 26 2015 |
भूमि की कठोर परतों को तोड़ने से ही मिलती है नए जड़ों को पनपने की राह, पर सिर्फ ओम माथुर के नाम को अगर छोड़ दिया जाए तो भाजपा के अगले अध्यक्ष की रेस में शामिल राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी पहले भी अध्यक्षीय दायित्व निभा चुके हैं, वैसे भी अमित शाह से संघ की मूल नाराजगी इस बात को लेकर है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में ामीन से जुड़े किसी नेता को शायद ही आगे बढ़ाया है। केंद्र सरकार के मौजूदा स्वरूप में यूपी के कद्दावर ठाकुर नेता राजनाथ सिंह अपने को ‘अनफिट’ पा रहे हैं, गाहे-बगाहे पीएमओ या फिर अरुण जेतली से उनकी तकरार की खबरें सुनाई देती रहती हैं, सो केंद्रीय गृह मंत्री अपना मंत्रालय छोड़ने को एक दम तत्पर बताए जाते हैं, इस नाते इस रेस में वे सबसे आगे भी हैं, संघ और नितिन गडकरी में रिश्तों की एक अटूट डोर है, पर गडकरी इस वक्त मंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं बताए जाते हैं, क्योंकि अपने सड़क परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग व शिपिंग मंत्रालय में वे लाखों-करोड़ की कई महत्त्वाकांक्षी योजनाओं को लेकर आए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का वरदहस्त और वीटो ओम माथुर को प्राप्त है, पर संघ नेतृत्व फिलवक्त उनके नाम पर उत्साहित नजर नहीं आ रहा, चुनांचे अगर शाह गए तो भाजपा में राजनाथ के राज की वापसी की प्रबल आसार हैं। |
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