नाराज हैं राजनाथ

May 09 2015


केंद्रनीत मोदी सरकार में भले ही अधिकारिक तौर पर यूपी के सबसे कद्दावर नेता राजनाथ सिंह को नंबर ‘दो’ का दर्जा प्राप्त हो, पर इतना तो सबको मालूम है कि मोदी सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री अरुण जेतली ही हैं। सो, जैसे ही मौजूदा बजट प्रावधानों में गृह मंत्रालय के बजट में बेतरह कटौती की गई, राजनाथ की भृकुटियां भी उसी अनुपात में तन गईं, अपनी शिकायत लेकर वे सीधे मोदी के पास जा पहुंचे, बजट कटौती की सीधी मार राजनाथ के मंत्रालय के उन योजनाओं पर पड़ी जो योजनाएं उनकी प्राथमिकताओं की सूची में शीर्ष पर थे, मसलन-नक्सल, पूर्वोत्तर और पुलिस सुधार। और ये वही योजनाएं हैं जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय सीधे हेंडल करता है, मसलन स्मार्ट पुलिसिंग को लेकर राजनाथ तमाम तरह की कवायद कर रहे थे, पर नए बजट में पुलिस आधुनिकीकरण का बजट सीधे राज्यों को ‘हेंडओवर’ कर दिया गया है, और फंड के निर्धारण का अधिकार भी सीधे राज्यों को सौंप दिया गया है, यानी राज्य चाहे तो यह पैसा वह किसी और मद में डायवर्ट कर सकता है। राजनाथ इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं, मसलन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ)के लिए 190 करोड़ की अतिरिक्त राशि की मांग की गई थी, पर मिले सिर्फ 50 करोड़ रुपए। यानी आने वाले दिनों में इस सहधर्मी हठधर्मिता की नई गूंज सत्ता के हलकों में सुनाई दे सकती है।

 
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