पर राहुल नहीं माने |
December 05 2016 |
एक वक्त था जब कांग्रेस के नवअवतरित रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने यूपी के सीएम अखिलेश के साथ मैराथन बैठकों का दौर कर कांग्रेस-सपा के बीच दोस्ती की नई इबारत को कैनवस मुहैया करा दिया था। बड़ी मुश्किल से अखिलेश कांग्रेस को 54 सीटें देने को राजी हो गए थे, पर पीके ने जोर लगाकर इस संख्या को 58 तक पहुंचा दिया। फिर वे राहुल के पास गए और उनसे कहा कि अगर राहुल सीधे अखिलेश से बात करें तो कांग्रेस के लिए अखिलेश 65 सीटें छोड़ने को राजी हो सकते हैं। राहुल ने पीके से दो टूक कहा कि वे अखिलेश से इस तरह की बात नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसा करना उनके स्वभाव में शुमार नहीं। पीके का मानना था कि सपा के साथ गठबंधन कर कांग्रेस कम से कम 35 सीटें जीत सकती है। वहीं राहुल का मानना था कि सपा के साथ चुनावी तालमेल का अर्थ होगा कि सपा के खिलाफ व्यवस्था विरोधी वोट यानी लोगों के आक्रोश को बिलावजह अपने पल्ले बांध लेना, इस बात से कांग्रेस के कार्यकर्त्ता कतई इत्तफाक नहीं रखेंगे।’ और पीके के मंसूबे ध्वस्त हो गए। |
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