राहुल की बदली रणनीति

February 16 2014


कांग्रेस इस दफे के आम चुनाव में अपने दरकते दुर्ग को बचाने की चुनौती से जूझ रही है, सो 2014 के चुनाव के महती चुनौतियों से उबरने के लिए कांग्रेस अपनी दो सूत्री नीति पर काम कर रही है, एक, पार्टी के मीडिया रणनीति को नए सिरे से पारिभाषित किया जा रहा है, दो, अपने लोकसभा प्रत्याशियों के चयन में पार्टी बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। कांग्रेस ने एक तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है, जिसके अंदर सरकार के एक सीनियर मंत्री, एक सीनियर प्रवक्ता और एक जूनियर प्रवक्ता को समाहित किया गया है, यह टीम अपने स्टेट यूनिट को मीडिया का सामना करने   के लिए प्रशिक्षित करेगी और सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार तथा लोकपाल विधेयकों से परिचित कराएगी इसके अलावा यूपीए सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को भी एजेंडे में शामिल करेगी, शुरूआती चरण में लखनऊ, हैदराबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, पटना, भोपाल आदि शहरों में इस टीम की धमक सुनाई देगी, इसके अलावा राहुल गांधी पार्टी प्रत्याशियों के चयन में भी पर्याप्त सर्तकता बरत रहे हैं, मसलन राहुल ने पार्टी चुनाव समिति को स्पष्टï हिदायत दी है कि जो नेता लगातार दो बार से लोकसभा चुनाव हार रहे हों और 1 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हारे हों उसे पार्टी टिकट नहीं देगी। तथा उम्मीदवार की छवि को भी लेकर एक स्वतंत्र एजेंसी से पहले सर्वे कराया जाएगा। कांग्रेस भले ही चुनाव हार रही हो, पर उसने अभी उम्मीद नहीं हारी है।

 
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