पाक के निषाने पर पंजाबी युवा |
July 20 2015 |
पिछले दिनों रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिक्रूटमेंट पाॅलिसी को लेकर एक सर्वे कराया, इसके नतीजे बेहद चैंकाने वाले थे, अभी तक सेना में भत्र्ती में पंजाब का स्थान हमेषा अव्वल रहा है, पिछले कुछ वर्शों में लुढ़क कर ये आठवें पायदान पर जा पहुंचा है, बिहार, यूपी जैसे राज्य पंजाब से आगे निकल गए हैं। सेना के अधिकारियों ने जब इसकी वजह जानने की कोषिष की तो उन्हें यह जानकार काफी हैरानी हुई कि पंजाब की एक पूरी पीढ़ी नषे की भेंट चढ़ती जा रही है, पड़ोसी देष पाकिस्तान कथित तौर पर इस नषे के व्यापार को भारत में फलने-फूलने में मदद कर रहा है। पाकिस्तान से सटे अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है, अफीम के पौधे पाॅपी प्लांट से जो फूल निकलता है उसे डोडे कहते हैं, इसके बीज में जब चीरा लगाया जाता है तो इसमें से दूध जैसा एक द्रव्य निकलता है, इसी द्रव्य को सूखा कर उसे प्रोसेसिंग के लिए पाकिस्तान भेजा जाता है, इस पाउडर से हिरोइन निकालने के लिए एक साल्ट अलहाईड्रेट की जरूरत पड़ती है, इत्तफाक से इस साल्ट का निर्माण भारत में होता है। और यह साल्ट अपने ही देष से पाकिस्तान को निर्यात होता है, संयुक्त राश्ट्र की एनसीबी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में सालाना 100 टन हिरोइन तैयार होती है, जिसमें से 30 टन अवैध रूप से भारत भेजी जाती है, षेश चीन के रास्ते कोरिया और जापान जैसे देषों में, कुछ रूस और उससे लगे देषों में तथा कुछ ईरान के रास्ते कुछ अन्य देषों में खपाई जाती है। सूत्र बताते हैं कि तैयार हीरोइन की कीमत पाकिस्तान में अमूमन 5 लाख रूपए प्रति किलो होती है, एक बार जब ये बाॅर्डर क्राॅस कर भारत पहुंच जाती है तो इसकी कीमत 1 से 5 करोड़ प्रति किलो के बीच पहंुच जाती है। पाकिस्तान अपने इसी छद्मवार से पंजाब की एक पूरी युवा पीढ़ी को तबाह करने में जुटा है। |
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