प्रियंका को अब भी है रीता की चिंता |
November 02 2016 |
पिछले सोमवार को प्रियंका गांधी ने अपनी पार्टी नेताओं की एक अहम बैठक आहूत की, इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, राजबब्बर, शीला दीक्षित व संजय सिंह जैसे प्रमुख कांग्रेसी शामिल हुए। सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में इस बात पर भी गहन चर्चा हुई कि रीता बहुगुणा जोशी के भाजपा में जाने से कांग्रेस की सेहत पर कितना फर्क पड़ेगा? और इस पर भी मंथन हुआ कि आखिरकार रीता बहुगुणा के कांग्रेस छोड़ने की मुख्य वजह क्या थी। तब परत दर परत तमाम रहस्यों से पर्दा उठा। एक तो रीता को लगता था कि वह मुलायम की पुत्रवधू अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से चुनाव में हरा नहीं सकतीं, क्योंकि कथित तौर पर अपर्णा ने अपने तार भाजपा से भी जोड़ रखे हैं। फिर यूपी में कांग्रेस ने ब्राह्मण सम्मेलन कराया, इसका इंचार्ज प्रमोद तिवारी की पुत्री मोना मिश्रा को बना दिया गया, रीता को इसमें पूछा भी नहीं गया। फिर कांग्रेस ने अल्पसंख्यक सम्मेलन कराया, कहते हैं उस सम्मेलन में रीता को घुसने नहीं दिया गया। जब यूपी में राहुल अपनी यात्रा निकाल रहे थे तब रणनीतिक तौर पर यह तय हुआ था कि जिन जिलों से होकर राहुल की यात्रा गुजरेगी, उसका इंचार्ज किसी बड़े कांग्रेसी नेता को बनाया जाएगा, जो कि वहां वे मीडिया से बात करने के लिए भी अधिकृत होगा, रीता के जिम्मे फैज़ाबाद था। जब राहु की यात्रा फैज़ाबाद पहुंचने वाली थी तो रीता वहां कहीं पहले पहुंच गईं और राहुल को रिसीव करने जा पहुंचीं। सूत्र बताते हैं कि राहुल रीता को देखते ही उखड़ गए, बोले-’आप यहां क्या कर रही हैं, सीधे लखनऊ जाइए वापिस।’ तब रीता बहुगुणा ने तय कर लिया कि यहां से उनका रास्ता सीधे अमित षाह के घर की ओर जाता है और उन्होंने अपने कदम आगे बढ़ा लिए। |
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