प्रसाद का सियासी नाद

March 26 2018


मोदी सरकार के आईटी व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद अपने बड़बोलेपन की वजह से अक्सर विपक्ष के निशाने पर आ जाते हैं, मेहुल चोकसी प्रकरण की आंच में अभी हौले-हौले प्रसाद तप ही रहे थे कि कैंब्रिज एनालिटिका के फेसबुक डाटा चोरी का नया मामला प्रकाश में आ गया। उनका यह बयान सुर्खियों का सिरमौर बना रहा जब उन्होंने जोश ही जोश में कह डाला कि वे आईटी कानून के तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगे और जरूरत पड़ने पर फेसबुक नियंता मार्क जबरबर्ग को भारत में सम्मन करेंगे।’ इस पर विपक्ष को हमले के नए सूत्र मिल गए, राजनीति के नए विद्यार्थी तेजस्वी यादव ने फौरन ट्वीट कर प्रसाद पर हमला बोला-’ यह सब नौटंकी बंद कीजिए और सबसे पहले कॉलड्रॉप की समस्या का निदान ढूंढिए।’ और जब सरकार ने कैंब्रिज एनालिटिका (जिन्हें प्रसाद ’रॉग’ यानी गुंडा बता रहे थे) को मात्र 6 सवालों का एक नोटिस जारी किया तो इसमें मार्क जकरबर्ग से जुड़ा कोई बड़ा सवाल नहीं था, कंपनी को इन सवालों के जवाब देने के लिए भी 31 मार्च तक का वक्त दिया गया है। फिर जब विपक्ष ने इन सवालों की फेहरिश्त पर हो-हंगामा मचाया तो प्रसाद के मंत्रालय की ओर से सफाई दी गई कि चूंकि मार्क जकरबर्ग ने पहले ही माफी मांग ली है, चुनांचे इस मामले को तूल देना ठीक नहीं है।’

 
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