पीएम को प्यारे पीयूष |
May 04 2016 |
इन दिनों कोल, पॉवर व नवीनीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल के हौंसलें सातवें आसमान पर है, मोदी सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पीएमओ ने खास तौर पर पीयूष गोयल के मंत्रालयों का चयन किया है, जिसने पीएम मोदी द्वारा निर्धारित टार्गेट को पूरा करने की दिशा में सबसे उल्लेखनीय कार्य किया है। इसके तहत इन तीनों मंत्रालयों के अधीन काम करने वाले लगभग 10 लाख कर्मचारियों को लकड़ी के प्रेम में मढ़ा (8.5 ग 14‘ साइज़) का एक ‘प्रशस्ति -पत्र‘ दिया जाएगा। अपनी उपलब्धियों के सातवें घोड़े पर सवार मंत्री महोदय जब पिछले दिनों लंदन के एक प्रतिष्ठित बिजनेस अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स‘ को एक विशेष इंटरव्यू दे रहे थे, तो संवाददाता ने अपने पांचवें-छठे सवाल में पूछ लिया कि ‘क्या आप देश के अगले फाइनेंस मिनिस्टर हैं?‘ गोयल का जवाब था-‘यह तो पीएम का विशेषाधिकार है कि वह किसको क्या जिम्मेदारियां देते हैं, मुझे जो भी कार्य दिया जाएगा मैं उसका सच्चे अंतःकरण से निर्वहन करूंगा और देश के आर्थिक हालत को लेकर मेरे पास कुछ अचूक नीतियां हैं…आदि-आदि।‘ पत्रकार के वापिस जाने के दो घंटे बाद पीयूष गोयल को आत्मबोध हुआ कि उन्हें इस सवाल का जवाब देने से बचना चाहिए था। उन्होंने फौरन उस विदेशी पत्रकार को फोन कर उनसे आग्रह किया कि इस सवाल को हटा लिया जाए। पर जब इस पर वह पत्रकार राजी नहीं हुआ तो मंत्री महोदय अपने दलबल के साथ उस पत्रकार के निजामुद्दीन स्थित घर पर जा धमके और उन्हें यह सवाल हटाने के लिए राजी करने के बाद ही वहां से वापिस लौटे। |
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