15 अगस्त को पीएम कर सकते हैं कोरोना वैक्सीन का ऐलान

July 01 2020


भगवा दुलारे बाबा रामदेव को उनके कोरोनिल की खोज पर आयुष मंत्रालय का झटका कोई यूं ही नहीं है, इसके पीछे केंद्र सरकार की एक सुविचारित नीति का हाथ है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पुणे की सरकारी प्रयोगशाला में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम चरण में है, देश को गौरवान्वित करने वाले भारतीय वैज्ञानिकों ने चूहों और खरगोशों पर इसका सफल परीक्षण कर लिया है, इसके नतीजे उत्साहवर्द्धक हैं। अब इंसानों पर इसका परीक्षण चल रहा है, माना जा रहा है कि जुलाई के अंत तक इस वैक्सीन के बारे में तस्वीर साफ हो जाएगी। यदि इंसानों पर भी यह ट्रायल सफल रहता है तो फिर आने वाले स्वतंत्रता दिवस पर यानी 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत निर्मित यह कोरोना वैक्सीन देशवासियों को समर्पित कर सकते हैं, यह वैक्सीन न केवल देशवासियों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इसके ऐलान से भारत का अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भी कद बढ़ जाएगा। शायद यही वजह थी कि आयुष मंत्रालय ने बाबा की खोजी दवा कोरोनिल पर अपनी जांच बिठा दी। जो बाबा कभी 2014 के चुनाव में भगवा परचम लहरा कर चले थे, उन्होंने बकायदा इस दफे भी पीएम केयर फंड में 20 करोड़ रूपए दिए थे, बावजूद इसके मोदी राज 2.0 में उनका ग्राफ लगातार नीचे गिरता गया। क्योंकि जब से बाबा के योग गुरू पर उनका बिजनेस गुरू हावी हुआ है, उन्होंने लगातार गैर भाजपाई नेताओं से भी अपने अच्छे ताल्लुकात बनाएं हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तो उन्होंने जी खोल कर तारीफ भी कर दी थी। सो, बाबा को समझा दिया गया है कि केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि ऐसी दवाईयों के ऐलान से अंतरराष्ट्रीय जगत में उनकी कोई किरकिरी हो सो आयुष मंत्रालय ने ऐसा कदम उठाया है।

 
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