राबर्ट वाड्रा पर कानूनी शिकंजा कस रहा है |
September 18 2017 |
सत्ता के दंभ में आकंठ डूबे दामाद जी ने जब ’बनाना रिपब्लिक’ का तंज कसा था, तब उस बिचारे को क्या मालूम था कि एक दिन उन्हें ही भारतीय गणतंत्र की इस ताकत का जोरदार पंच झेलना पड़ेगा। दामाद जी और उनके वकील सकते में है जबसे पिछले दिनों दक्षिण भारत के एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक ने अपने पहले पन्ने पर गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का सारा वृत्तांत छाप दिया कि बीकानेर में 6 करोड़ की संपत्ति दामादजी के ड्राईवर और नौकरों के नाम पर खरीदी गई है। रकम बड़ी है, इतनी बड़ी है कि कोई नौकर या ड्राईवर इसकी वैधता को आसानी से प्रमाणित नहीं कर सकता, सो मामला मनी लांडरिंग और बेनामी संपत्ति का बन रहा है। अब से पहले दामाद जी ठाठ से थे कि उनके ऊपर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। पर अखबार ने इस डील से जुड़े खरीद-फरोख्त के तमाम दस्तावेज भी छाप दिए हैं, जाहिर है ये कागजात उन्हें जांच एजेंसियों के सौजन्य से ही प्राप्त हुए होंगे। विश्वस्त सूत्र बताते हैं इस पूरे मामले में राबर्ट्र वाड्रा से नवंबर माह में पूछताछ हो सकती है, उन्हें जेल भेजने की केंद्र सरकार को हड़बड़ी नहीं, क्योंकि इसके कुछ महीने बाद ही गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं, अलबत्ता दामाद जी को जेल की हवा खिलाकर सत्ता के दोनों बाजीगर यानी मोदी व शाह कांग्रेस को राज्य में किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं लेने देना चाहते, चुनांचे बड़े कदम तो गुजरात चुनाव के बाद ही उठाए जाएंगे। इसके बाद रक्षा सौदों से जुड़े मामलों में वाड्रा के करीबी माने जाने वाले संजय भंडारी पर भी एफआईआर दर्ज हो सकती है और वाड्रा के ऊपर हरियाणा में जमीनों की खरीद फरोख्त के मामले में भी नया मोड़ आ सकता है, यानी आने वाले दिन दामाद जी के लिए मुश्किलों भरे हो सकते हैं। |
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