आनंद से नहीं हैं प्रमोद |
August 16 2015 |
राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव पर कांग्रेस की ओर से दो वक्ताओं को बोलना था, लिस्ट में पहला नाम प्रमोद तिवारी का, तो दूसरा नाम आनंद शर्मा का था। उपसभापति के आदेश पर जैसे ही प्रमोद तिवारी बोलने को खड़े हुए, अभी उन्होंने बोलना भी शुरू नहीं किया था कि आनंद शर्मा ने अपनी सीट पर खड़े होकर बेधड़क बोलना शुरू कर दिया। तिवारी जी भौचक रह गए और फिर अपनी सीट पर बैठ गए, पर इसी बीच चंद सीनियर कांग्रेसी नेताओं मसलन सत्यव्रत चतुर्वेदी, अंबिका सोनी और गुलाम नबी आजाद ने तिवारी का हौंसला बढ़ाया कि अगर सूची में उनका नाम पहले है तो पहले उन्हें ही बोलना चाहिए। अपनी पार्टी के सीनियर नेताओं का हौंसला पाकर तिवारी जी फिर से अपनी जगह खड़े हुए और उन्होंने भी बोलना शुरू कर दिया। सदन में वाकई एक असमंजस की स्थिति पैदा हो गई, उपसभापति ने शर्मा और तिवारी की ओर देखते हुए कहा कि ’पहले आप दोनों फैसला कर लीजिए कि आपकी पार्टी की ओर से पहले कौन बोलेगा?’ |
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