नीतीश की सोशल इंजीनियरिंग के मंत्री

November 23 2015


नीतीश कुमार ने अपने ताजा मंत्रिमंडल के गठन में जातीय समीकरणों का सबसे ज्यादा ध्यान रखा है। पिछड़ी जातियों को प्रतिनिधित्व देने पर फोकस रखा गया है और जिस जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इस दफे के विधानसभा चुनाव में टिकट बांटे गए थे, उसी अनुपात में और उसी सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए मंत्री बनाए गए हैं। जाहिरा तौर पर अगड़ों के पर कतरे गए हैं और उन्होंने मंत्रिमंडल के गठन में अपनी अंतररात्मा की आवाज़ से ज्यादा लालू जी की आवाज़ सुनी हैं, और चाहते हुए भी श्याम रजक को मंत्री नहीं बना पाए हैं, जो लालू जी का खेमा छोड़ उनके दल में शामिल हुए थे। लालू जी ने भी भले ही अपने विश्वस्त अब्दुल बारी सिद्दिकी को वित्त मंत्रालय दिलवा दिया, पर सुशील मोदी वाले फार्मूले पर उन्हें डिप्टी सीएम बनाने के बजाए अपने पुत्र को डिप्टी सीएम बनवाया है, इस बात को लेकर मुस्लिम कौम में थोड़ी नाराजगी भी देखी जा सकती है। वहीं जहानाबाद से विजयी रहे यादवों के एक प्रमुख नेता जो उनकी पार्टी राजद के महासचिव भी हैं, मुद्रिका प्रसाद को मंत्री नहीं बनाया गया है, जबकि पहली बार चुनाव जीते जय प्रकाश यादव के भाई विजय प्रकाश मंत्री बन गए हैं। वैसे लहरों को गिनने में और उसे बूझने में माहिर लालू ने अपने कोटे की 4 सीटें अभी खाली रखी है। वहीं कांग्रेस कोटे से भी किसी पिछड़े को मंत्री नहीं बनाया गया है, पर कांग्रेस ने भी एक सीट खाली रखी है। सो नीतीश के इस सोशल इंजीनियरिंग का आगे ध्यान रखा जा सकता है।

 
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