नीतीश का राज्यसभा संकट

November 23 2015


प्रशांत किशोर को राज्यसभा दिलवाने में गिनती के खेल में उलझ गए हैं नीतीश कुमार। सनद रहे कि अगले वर्श जदयू कोटे से राज्यसभा की 5 सीटें खाली होने वाली है, जदयू कोटे के शरद यादव, रामचंद्र प्रसाद सिंह, के सी त्यागी, गुलाम रसूल बलियावी और पवन वर्मा रिटायर होने वाले हैं। नीतीश ने अरूण शौरी और प्रशांत किशोर से पहले ही वायदा कर रखा है कि वे उन्हें राज्यसभा में लेकर आएंगे। वहीं नीतीश के लिए शरद यादव और रामचंद्र प्रसाद सिंह की अनदेखी कर पाना संभव नहीं होगा। सनद रहे कि आर सी पी सिंह वही हैं जो कभी नीतीश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुआ करते थे, नालंदा के रहने वाले हैं, नीतीश के सजातीय हैं और अपनी आईएएस की नौकरी छोड़कर नीतीश की पार्टी से जुड़े। पर गिनती बल के हिसाब से नीतीश की पार्टी की 2 सांसद जिताने की भी हैसियत नहीं है, क्योंकि राज्यसभा की एक सीट के लिए 40 विधायकों की गिनती चाहिए, मौजूदा विधानसभा में नीतीश के 71 विधायक हैं, यानी गिनती पूरी करने के लिए उन्हें कांग्रेसी विधायकों का साथ चाहिए। वहीं कांग्रेस पहले से ही नीतीश से एक सीट मांग रही है, कांग्रेस के 27 विधायक हैं, उन्हें 13 विधायकों की कमी है, इसमें से कम-कम 11 जदयू विधायकों का साथ उन्हें मिल गया तो उनके लिए दो अन्य विधायकों का समर्थन जुटाना आसान रहेगा। कांग्रेस बिहार की राज्यसभा सीट से सीपी जोशी या डा. शकील अहमद को भेजना चाहती है। सो नीतीश के समक्ष एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति पैदा हो गई है।

 
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