यूं टली निर्मला पर बला |
September 25 2017 |
अब बात करते हैं चुप सधे कदमों से सियासी फासले तय करने में सिद्दहस्त निर्मला सीतारमण की। सूत्र बताते हैं कि जैसे ही निर्मला से इस्तीफा मांगा गया, बगैर वक्त गंवाए वह शीर्ष नेतृत्व के पास पहुंची दोनों हाथ जोड़ उनका आभार व्यक्त किया और विनम्र शब्दों में कहा-’अपने साथ काम करने का मौका देकर आपने वाकई मुझे अनुग्रहित कर दिया है, मेरे लिए आपके मंत्रिमंडल में काम करना सबसे गौरव के क्षण रहें, मैं जीवन भर आपका यह अहसान नहीं भूलूंगीं।’ सूत्र बताते हैं कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से भी मिलकर कमोबेश उन्होंने यही बातें दुहराईं। उन्होंने शाह से यहां तक कह डाला कि अगर पार्टी उन्हें संगठन में लेना चाहती है तो इसके लिए उन्हें किसी पद की भी आवश्यकता नहीं, वह निःस्वार्थ भाव से पार्टी संगठन में काम करने को इच्छुक हैं। और अगर फिलवक्त पार्टी में भी उनके लायक कोई काम नहीं है तो वह अपने गांव जाकर अपने पति के साथ सुकून के दो पल गुजारना चाहती हैं। मौजूदा पार्टी नेतृत्व को सचमुच ऐसे ही विनम्र स्वयंसेवकों की जरूरत हैं, जिनका समर्पण भाव सत्ता के दर्प के समक्ष कभी सिर न उठा सके। |
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