शाह के फरमान से परेशान

November 20 2016


नोटबंदी को लेकर भाजपा में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है, कई भाजपा नेता ही इस फैसले से असहज जान पड़ते हैं। शायद इसीलिए जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों व मंत्रियों को यह फरमान जारी किया कि ये नेतागण अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर प्रधानमंत्री के नोटबंदी के कदम का जमकर प्रचार करें और लोगों को यह समझाए कि पीएम की यह पहल काले धन और आंतकवाद के खात्मे के लिए उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। सो,शाह चाहते थे कि ये भगवा नेता अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर बड़े होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर आदि लगवाएं, पर फरमान जारी होने के इतने दिन गुजर जाने के बाद भी जब ये नेतागण हरकत में नहीं आए तो पार्टी हाईकमान ने एक-एक नेता को बुला कर इनकी क्लास लेनी शुरू कर दी है, बचाव में ये नेता जो तर्क दे रहे हैं यह वाकई दिलचस्प है। सूत्र बताते हैं कि इनमें से अधिकांश पैसों का रोना रो रहे हैं और कह रहे हैं कि बैनर-होर्डिंग्स के 90 फीसदी कार्य कैश में होता है, और अब कोई भी प्रचार एजेंसी पुराने नोट लेने को तैयार नहीं, सो ये चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। शायद यही वजह थी कि पीएम की रविवार की आगरा रैली के लिए पार्टी के केंद्रीय कोष से भरपूर धन उपलब्ध करवाया गया और पूरे शहर को नोटबंदी की उपलब्धियां गिनाने वाले बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स व परचम से बेतरह रंग दिया गया, नोटबंदी को लेकर नए नारे गढ़े गए, मसलन-’काले धन पर कड़ा प्रहार, नोट बंद किया पांच सौ, हजार, मोदी जी का अभिनंदन बारंबार।’

 
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