मूर्ति बन गए नारायण

June 26 2017


आईटी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार होने वाली इंफोसिस और इसके को-फाउंडर नारायण मूर्ति के लिए रामनाथ कोविंद की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी उन्हें हैरान करने वाली साबित हुई है। उच्च पदस्थ सूत्रों के दावों पर अगर यकीन किया जाए तो नारायण मूर्ति भी अब से पहले राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल थे। यह भी माना जाता है कि उन्हें स्वयं प्रधानमंत्री की ओर से यह आश्वासन प्राप्त हुआ था कि उनके राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। समझा जाता है कि इसके बाद से ही नारायण मूर्ति कंपनी में अपनी भूमिका को और भी संक्षिप्त करने में जुट गए थे। हालांकि बाजार में खबरें कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का और उनके बीच मनमुटाव की आईं कि इसी वजह से नारायण मूर्ति और उनके सह संस्थापक मित्र अपने प्रमोटर शेयर्स बेचना चाहते हैं, पर सूत्रों का दावा है कि एक तरह से मूर्ति स्वयं को राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए कंपनी से अपने तमाम जुड़ाव से मुक्त होना चाहते थे। वह तो ऐन वक्त संघ ने दुलकी चाल भरी और उसके गर्दो-गुबार में रतन टाटा, मूर्ति, बिग बी जैसे नाम हवा में उड़ गए और कोविंद जैसे जमीनी व्यक्ति रायसिना हिल्स पर काबिज होने के लिए आगे बढ़ गए।

 
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