पुत्र से नाराज़ पिता मुलायम

December 29 2017


प्रेम कुमार धूमल भले ही इस दफे सुजानपुर से विधानसभा का चुनाव हार गए हों पर हिमाचल का अगला मुख्यमंत्री घोषित होने के आखिरी क्षणों तक उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, अपने लिए प्रयास करते रहे और वे मोदी व शाह से भी सीधे अपनी मन की बात बताते रहे। सूत्र बताते हैं कि दरअसल, धूमल को इस बार कहीं गहरे इल्म हो चुका था कि अगर उन्होंने इतनी आसानी से आत्मसमर्पण कर दिया तो उनके पुत्र अनुराग सिंह ठाकुर के राजनैतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग जाएगा। वैसे भी धूमल कैंप के लिए सुजानपुर से उनकी हार अप्रत्याशित थी, क्योंकि इस चुनावी महासमर में धूमल को पटकनी देने वाले कांग्रेस के राजेंद्र राणा कभी धूमल के ही अनन्य भक्तों में शुमार होते थे। फिर राणा ने धीरे -धीरे अपने एनजीओ के मार्फत सुजानपुर के घर-घर में अपनी पैठ बना ली। महिलाओं व लड़कियों के बीच उनकी एनजीओ ने बड़े पैमाने पर वहां सिलाई मशीन वितरित की। गरीबों को पक्का घर बना कर दिए गए। धूमल के पक्ष में स्वयं मोदी ने चुनावी रैली की थी। वहीं धूमल के अपने हमीरपुर क्षेत्र में भाजपा 5 में से मात्र 3 सीटों पर ही जीत दर्ज करा सकी। दरअसल हमीरपुर की जनता को केंद्रनीत भाजपा सरकार का तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के यहां उनकी पुत्री के विवाह के ऐन रोज पुलिस भेजना पसंद नहीं आया। षायद यही वजह है कि वीरभद्र के पुत्र विक्रमादित्य पूरे चुनाव के दौरान हमीरपुर में ही डेरा डंडा जमाए रहें।

 
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