मुख्तार पर पीएम का एतबार |
May 07 2018 |
मोदी सरकार के मंत्री जैसे एक शफ्फाफ कांच के दरिया में कलाबाजी दिखा रहे हों, इनकी सीरत और फितरत दोनों ही जैसे अग्नि परीक्षा की कसौटी पर हों, संतुलन साधने की बाजीगरी इतनी हो कि किनारे भी छू न सकें, वरना खनक दूर तक सुनी जाएगी। चुनावी वर्ष ने दस्तक देनी शुरू कर दी है, चुनांचे पीएमओ सरकार के मंत्रियों और उनके संबंधित मंत्रालयों के काम-काज की समीक्षा और रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में जुट गया है। पीएमओ से जुड़े विश्वसनीय सूत्र स्पष्ट करते हैं कि परफॉरमेंस की कसौटी पर पहले चरण में जिन मंत्रालयों ने पीएम की विशेष शाबासी हासिल की है उसमें गडकरी का रोड ट्रांसपोर्ट, नरेंद्र सिंह तोमर का रूरल डेवलपमेंट और मुख्तार अब्बास नकवी का अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय शामिल है। वैसे भी नकवी का मंत्रालय इन दिनों यूपीएससी के ताजा नतीजों को लेकर चर्चा में है, 2017 के यूपीएससी के नतीजों में आजादी के बाद पहली बार अल्पसंख्यक उम्मीदवारों के सफलता का आंकड़ा नई ऊंचाइयों को छू गया। इस दफे के नतीजों में जहां देशभर में 990 सफल उम्मीदवारों में अकेले 131 उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदाय के हैं, इसमें से 51 मुस्लिम हैं। टॉप 100 सफल उम्मीदवारों की लिस्ट में 6 मुस्लिम शामिल हैं, इसमें से 3 लड़कियां हैं। मंत्रालय का दावा है कि ऐसा उसकी स्कीम नई उड़ान-नया सवेरा की वजह से मुमकिन हो पाया है, जिसके तहत अल्पसंख्यक समुदाय के जरूरतमंद बच्चों को यूपीएससी एक्जाम की तैयारियों के लिए न सिर्फ मार्गदर्शन दिया जाता है, अपितु उन्हें 50 हजार से 1 लाख रुपयों तक की आर्थिक मदद भी दी जाती है। मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में मोदी सरकार के 48 महीनों बनाम अन्य सरकारों के 48 वर्ष का तुलनात्मक डाटा पेश किया गया है, जिसमें बताया गया है कि इन चार सालों में छात्रवृत्ति समेत अन्य शैक्षिक सशक्तिकरण योजनाओं के मद में मंत्रालय ने 2 करोड़ 66 लाख बच्चों की मदद की है, मंत्रालय की सीखो और कमाओ, उस्ताद, नई मंजिल, गरीबनवाज कौशल विकास योजना के तहत 5 लाख 43 हजार 594 अल्पसंख्यक युवाओं की मदद की गई है, 2014 से पहले ऐसे लाभार्थी युवाओं की संख्या महज 20 हजार 164 थी। महिला सशक्तिकरण योजनाओं के तहत 121 लाख अल्पसंख्यक बालिकाओं की मदद की गई है। अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में 340 से ज्यादा सदभाव मंडप बहुउद्देश्यी कम्युनिटी सेंटर की स्थापना हुई। और इस सरकार ने भले ही हज सब्सिडी खत्म कर दी हो पर पहली बार बिना महरम के मुस्लिम महिलाएं हज पर जा रही हैं। मोदी सरकार में उपलब्धियां भले ही आंकड़ो की शक्ल पा रही हो पर कौम के चेहरे की शिकन है जिसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। |
Feedback |