थैली की महिमा न्यारी |
September 14 2016 |
भाजपा शासित राज्य के एक उत्साही राज्य मंत्री एक बड़े स्टील प्लांट के औचक निरीक्षण पर चले गए, दरअसल मंत्री जी यह पता लगाना चाहते थे कि उस प्लांट में श्रम कानूनों का कोई उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। यह प्लांट राजनैतिक रसूख रखने वाले एक बड़े उद्योगपति का है। जब मंत्री जी अपने औचक निरीक्षण के क्रम में अपने दल बल के साथ प्लांट के गेट पर पहुंचे तो उन्हें वहीं रोक दिया गया, उन्हें यह बताने के बाद भी अंदर नहीं जाने दिया गया कि वे सरकार में मंत्री हैं। काफी हील-हुज्जत के बाद वह उद्योगपति भी अंदर से बाहर निकल कर गेट पर आया, जहां मंत्री जी से उनकी गर्मागर्म बहस हो गई, बात धक्का-मुक्की तक आ पहुंची। उद्योगपति ने मंत्री जी को हड़काया कि बगैर सूचना दिए आपको यहां आने का कोई हक नहीं, और लगे हाथ उस उद्योगपति ने वहीं बाहर गेट से ही अपने मोबाइल से मुख्यमंत्री को फोन लगा दिया, मुख्यमंत्री ने कहा ज़रा मंत्री जी को फोन दीजिए, फिर उन्होंने फोन पर ही अपने मंत्री को डपट दिया-’आप मुझे इंफॉर्म किए बगैर वहां कैसे चले गए, तुरंत वापिस आइए आप।’ मंत्री जी अपना सा मुंह लिए वापिस लौट गए, पर उनके सम्मान को कौन वापिस करवाएगा? |
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