संघ को मोदी-संदेश

June 07 2015


नए विजिलेंस कमिश्नर (सीवीसी) के तौर पर के. वी. चौधरी की नियुक्ति को लेकर नए विवादों का आगाा हो चुका है, चौधरी एक हाई-प्रोफाइल अफसर रहे हैं, फिलहाल इनकी फाइल राष्ट्रपति के पास दस्तखत होने को गई है। इससे पहले भी चौधरी के पास कई हाई प्रोफाइल केस का जिम्मा रह चुका है, जिसमें मोईन कुरैशी से लेकर राडिया टेप की जांच शामिल हैं। बतौर सीबीडीटी चैयरमैन चौधरी तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा से चार मुलाकातें कर विवादों में घिर चुके थे। राम जेठमलानी और प्रशांत भूषण जैसे लोग चौधरी को सीवीसी बनाए जाने का पुरकश विरोध दर्ज करा चुके हैं। सनद रहे कि ये वही के. वी. चौधरी हैं जब ये सीबीडीटी में थे तो नितिन गडकरी के फर्जी कंपनियों के विवाद ने तूल पकड़ा था, जाने-अनजाने चौधरी ही वे वजह थे जिनके चलते गडकरी दोबारा पार्टी अध्यक्ष बनने से चूक गए थे। चौधरी को सीवीसी बनवा कर मोदी गडकरी और संघ को क्या कोई नया संदेश देना चाहते हैं? या मोदी का यह कोई मास्टर स्ट्रोक है?

 
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