मिश्र के मिसरे

December 21 2014


21 जून को ‘विश्व योग दिवस’ के तौर पर मनाने की नरेंद्र मोदी और संघ की इस मुहिम को 177 देशों का समर्थन हासिल हुआ, इस बात से उत्साहित होकर संघ के करीबी माने जाने वाले अप्रवासी बिजनेसमैन अंशुमान मिश्र ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी और उनसे मांग की है कि भारत के तमाम बड़े रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर एक ‘योग रूम’ का प्रावधान किया जाए। बकौल अंशुमान, यह मांग कतई बेतुकी नहीं, क्योंकि मिडिल ईस्ट के तमाम एयरपोर्ट्स पर मुस्लिमों के लिए नमाज अता करने के लिए अलग से कमरा होता है, यही व्यवस्था जापान के हवाई अड्डों पर भी रहती है। जहां एक ‘प्रेअर रूम’ की व्यवस्था होती है। यहां तक कि अमरीका के सैन फ्रेंसिस्को, अल्बुकरेक, डलास, शिकागो और नॉर्थ कैरोलिना के रालेग हवाई अड्डों पर ‘योग रूम’ पहले से मौजूद है, फिनलैंड के हेलसिंकी एयरपोर्ट पर भी यह व्यवस्था है। नॉर्थ कैरोलिना जो बाइबिल के बोलबाले वाला राज्य है, और जहां कैथोलिक आबादी का बड़े पैमाने पर प्रभुत्व है, वहां भी ‘योग रूम’ से अलहदा एयरपोर्ट पर एक ‘मेडिटेशन रूम’ बनाया गया है। एक कदम आगे बढ़कर कभी महर्षि महेश योगी के करीबी रहे अंशुमान मिश्र बौध्द धर्मावलंबियों के लिए भारतीय रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर प्रधानमंत्री से ‘जेन रूम’ बनाने की भी मांग कर रहे हैं। अब इस अपील में कितनी सियासत और कितना अध्यात्म निहित है, इसका फैसला तो प्रधानमंत्री को ही करना है।

 
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