मीडिया से कतराते राजनेता

October 22 2015


सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा संविधान के 99 संशोधन और एनजेएसी ;नेशनल जुडिशियल अपाॅइंटमेंट कमीशनद्ध एक्ट को असंवैधानिक क़रार देने से शुक्रवार को सियासी हलक़े में कोहराम मचा रहा। सनद रहे कि इस एक्ट के द्वारा सरकार ने 22 साल पुराने काॅलेजियम सिस्टम को ही खत्म कर दिया था। फैसला आते ही मीडिया में भी हड़कंप मचा और मीडिया वाले पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल को फोन करने लगे,जब उनके फोन को रिसीव नही किया गया तो मीडिया वालों ने सिब्बल के घर के आगे डेरा-डंडा डाल दिया। न्यूज चैनलों के ओबी वैन ने भी सिब्बल के घर के आगे पोजिशन ले ली। हैरान परेशान सिब्बल नें तब अख़बार और चैनल के संपादकों को फोन कर उनसे कहा कि यह बिल उनके क़ानून मंत्री रहते पास नही हुआ था, चुनांचे इस बाबत रविशंकर प्रसाद की बाईट ली जाए। इस के बाद मीडिया वालों ने मौजूदा कानून मंत्री सदानंद गौड़ा से संपर्क साधा, क्योंकि तब तक रविशंकर प्रसाद भी उन्हें उपलब्ध नही हो रहे थे। पर गौड़ा नें पत्रकारों से साफ कर दिया था कि जब तक उनकी बातचीत प्रधानमंत्री और सरकार के एक वरिष्ट मंत्री से नही हो जाती है वे इस पर कोई प्रतिक्रिया नही दंेगे। तब तक पत्रकारों को इस बात की भनक लग गई थी कि एनजेएसी एक्ट का पूरा मसौदा सरकार के उसी सर्वशक्तिमान मंत्री जी ने बनाया था, पर उनसे बयान देने को कौन कहे। खैर इसी सर्वशक्तिमान नें पत्रकारों को इस पीड़ा से उबार लिया, सूत्र बताते हैं कि उन्होंने रविषंकर प्रसाद से कहा कि वे मीडिया के सामने आकर सरकार का पक्ष रखें, तब कहीं जाकर पत्रकारों को एक अदद बाईट नसीब हो सकी।

 
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