जोशी के जश्न में शहीद

April 18 2015


इंदौर के एक नामचीन बिल्डर से संघ नेता संजय जोशी का पुराना रिश्ता है, बेहद नजदीक का रिश्ता है। समझा जाता है कि जोशी के इसी मित्र बिल्डर का आग्रह था कि इस दफे उन्हें अपना जन्मदिन धूम-धाम से मनाना चाहिए, ताकि मोदीमय हो गई भगवा सियासत में उनकी धमक दूर तक सुनाई दे सके। सो, आनन-फानन में जोशी ने अपनी उदात्त इच्छाओं से संघ के शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया और वहां से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद उन्होंने अपनी नजदीकी लोगों को अपने मन की बात बताई। भाजपा में उनके पुराने लोग हैं, कभी वे मोदी को बनाने वाले नेता के तौर पर भी जाने जाते थे, 2003 के मोदी मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों की निष्ठा सिर्फ और सिर्फ संजय जोशी के साथ थी। सो, लोगों को जन्मदिन के बाबत फोन जाने शुरू हुए और तमाम राज्यों की राजधानियों और वहां के महत्त्वपूर्ण शहरों में संजय जोशी को जन्मदिन की बधाई देने वाले बड़े-बड़े होर्डिंग्स लग गए, शुभकामना देने के लिए कथित तौर पर भाजपा मंत्रियों ने अपनी निजी सचिवों के चेहरों का इस्तेमाल कर लिया। इसी बात का संज्ञान लेते हुए अमित शाह ने आनन-फानन में श्रीपद नायक, संजीव बालियान और सुदर्शन भगत जैसे मंत्रियों को तलब कर लिया, इन्हें चेतावनी मिली तो इन्हाेंने ठीकरा अपने निजी सचिवों के सिर फोड़ दिया। सचिवों की छुट्टी हो गई और किसी प्रकार से ये मंत्रिगण अपनी कुर्सियां बचाने में कामयाब रहे।

 
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