…और अंत में |
July 10 2017 |
जब से कोलकाता के एक उद्योगपति ने जिनका झारखंड में बड़ा कारोबार है, बाबूलाल मरांडी को भाजपाध्यक्ष अमित शाह से मिलवाया है, सूत्र बताते हैं कि तब से मरांडी अध्यक्ष जी के सीधे संपर्क में है। पिछले दिनों मरांडी ने अध्यक्ष जी से मिलने का समय मांगा। समय मिल भी गया। मरांडी ने दिल्ली की उड़ान भी पकड़ ली। पर सूत्र बताते हैं कि ऐन वक्त मरांडी अध्यक्ष जी से मिलने से चूक गए। पर अध्यक्ष जी का संदेशा वह भी बेहद साफ-साफ मरांडी को मिल गया है कि अगर मरांडी अपनी पार्टी का विलय (जिसके ज्यादातर विधायक इधर-उधर छिटक चुके हैं) भाजपा में कर दें तो उन्हें राज्यसभा मिल सकती है। 2019 का चुनाव उन्हें पार्टी अपने सिंबल पर लड़वाएगी और जीत कर आए तो केंद्र में मंत्री बनाए जाएंगे। पर बाबूलाल को नजदीक से जानने वाले उनके लोग बताते हैं कि वे राज्यसभा में आने के साथ ही निवर्तमान मोदी सरकार में झटपट मंत्री भी बनना चाहते हैं, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसके लिए किंचित तैयार नहीं जान पड़ता है चुनांचे मरांडी की घर वापसी का पेंच फिलवक्त फंसा ही है। |
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