जेतली की नई प्रशंसक मैडम गांधी! |
April 26 2015 |
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित जेजे बिल को जिसमें ज्यूविनाइल की उम्र 18 से 16 करने की बात कही गई है, इस बिल को कैबिनेट से पास कराने के लिए विभाग की मंत्री मेनका गांधी को न जाने कितने पापड़ बेलने पड़े। जब इस बिल का मसौदा कैबिनेट के समक्ष आया तो दो मंत्रियों यानी अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और तेदेपा के अशोक गणपति राजू ने इसका खासा विरोध दर्ज कराया कि नाबालिगों से बचपने में कई अपराध हो जाते हैं। इस पर अरुण जेतली ने मोर्चा संभाला और इस बिल के समर्थन में जेतली के अकाटय तर्कों के समक्ष तमाम मंत्रियों ने हथियार डाल दिए और कैबिनेट से यह बिल क्लियर हो गया। कैबिनेट की मीटिंग से जब तमाम मंत्रिगण बाहर आने लगे तो मेनका खास तौर अरुण जेतली के पास गईं और विनम्र स्वरों में उनसे कहा-‘भले ही बाहर इस बिल का श्रेय मुझे मिले, पर इस श्रेय के असली हकदार तो आप ही हैं।’ मेनका की यह भंगिमा और उनकी इस विनम्रता ने जेतली को अंदर तक छू लिया। |
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