जाट-साथ की आस

February 23 2016


भाजपा शासित प्रदेशों से एकबारगी पुनः जाट आरक्षण की बानगी पर विरोध की लौ भड़कने लगी है, वहीं भाजपा के कर्णधार हैं कि उनको लगता है कि भाजपा को अब भी एकमुश्त जाटों का समर्थन हासिल है। मुजफ्फरनगर उप चुनाव में जीत के बाद भाजपा के हौंसले बम-बम है, वहीं हरियाणा-राजस्थान में जाट आंदोलन नए सिरे से उबल रहा है। सबसे बड़ी चिंता तो चौधरी अजीत सिंह कर रहे हैं कि पिछले दिनों उन्होंने बकायदा इस मुद्दे पर एक प्रेस-कांफ्रेंस कर कहा कि मुजफ्फरनगर सीट पर कभी जाटों का वर्चस्व रहा नहीं है, चौधरी चरण सिंह के वर्चस्व काल में भी यह सीट लोकदल के पास आई नहीं, क्योंकि अब भी यहां जाटों के वोट 18-20 हजार हैं, वहीं वैश्य वोट 65 हजार के आसपास है।

 
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