ज़श्ने-खुसरो टल गया

March 02 2014


फैशन डिजाइनर, एक्टिविस्ट व फिल्मकार मुज़फ्फर अली 2001 के बाद से लगातार दिल्ली में ‘ज़श्ने-खुसरो’ के नाम से एक सूफी महोत्सव आयोजित करते आए हैं, दिल्ली की शीला सरकार भी इस सूफी महोत्सव को लेकर खासी उत्साहित रहती थीं। पर जब से इस दफे के विधानसभा चुनाव में दिल्ली से शीला सरकार की विदाई हो गई और उनकी जगह कुछ दिनों के लिए ही सही, दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार बनी, केजरीवाल के विद्रोही तेवरों को देखते हुए दरअसल मुज़फ्फर अली हिम्मत ही नहीं जुटा पाए कि वे केजरीवाल के समक्ष मुस्लिम तहजीब, शेरो-शायरी की रवायत को जिंदा रखने की बात करें और उनकी सरकार से जश्ने-खुसरो आयोजित करने के लिए पैसा मांगे। सो अली साहब ने चतुराई से इस महोत्सव को अप्रैल आखिर तक के लिए टाल दिया है, नहीं तो आम तौर पर हर साल मार्च में यह आयोजन दिल्ली में होता आया है। वैसे भी दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब  जंग की ऐसे मामलों में खासी दिलचस्पी रही है, वे सक्रिय रंगकर्म में हिस्सेदारी निभा चुके हैं और कभी तुगलक, तो कभी अकबर का रोल निभा चुके हैं, कायदे से मुजफ्फर अली को जंग साहब के पास जाना चाहिए था।

 
Feedback
 
Download
GossipGuru App
Now!!