धर्म निरपेक्षता की भेंट चढ़ता फ्रांस? |
November 17 2015 |
पेरिस में हुए ताजा आतंकवादी हमलों के बाद फ्रांस के अंदर लगातार इस बड़े सवाल ने मुंह उठाना शुरू कर दिया है। यूरोप के सबसे बड़े धर्म निरपेक्ष राष्ट्रों में शुमार होने वाले फ्रांस में कोई 47 लाख मुस्लिमों की आबादी है, जो कि वहां की कुल जनसंख्या का कोई 7.5 प्रतिशत है। इसी वर्ष जनवरी में पेरिस में हुए चार्ली हैब्दों की घटना के बाद से फ्रांस सरकार लगातार इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ मुहिम चलाने में जुटी है। चार्ली हैब्दों की घटना के बाद फ्रांस की खुफिया एजेंसियों ने वहां की सीनेट को एक रिपोर्ट सौंपी थी, इस रिपोर्ट में यह अंदेशा व्यक्त किया गया था कि हालिया दिनों में तीन हजार से ज्यादा यूरोपियन नौजवान एक जेहादी के तौर पर आईएसआईएस के साथ जुड़ गए हैं, इनमें से आधे से ज्यादा नौजवान फ्रेंच हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा हुआ है कि आईएसआईएस इन नौजवानों को सीरिया और इराक लेकर भी गया था। अकेले फ्रांस में 1570 ऐसे लोग हैं जो फ्रांस सरकार की कड़ी निगरानी में हैं, माना जा रहा है कि इनका कनेक्शन सीरिया के साथ हो सकता है। फ्रांस की खुफिया एजेंसियों को यह भी अंदेशा था कि 200 से ज्यादा फ्रेंच जेहादी आईएसआईएस की ट्रेनिंग लेकर फ्रांस लौट आए हैं। हालिया दिनों में वहां डेढ़ सौ से ज्यादा कट्टरपंथियों को सलाखों के पीछे डाला गया हैं। वहां बुर्के पर आंशिक बैन लगाया गया है और वहां की बदली परिस्थितियों में इस्लामिक यूथ के समक्ष नौकरियों का संकट पैदा हो गया है, फ्रांस के कई विश्वविद्यालय उन्हें एडमिशन देने में भी सतर्कता बरत रहे हैं, ताज़ा आतंकी हमलों के बाद फ्रांस में अपने सेकुलर ताने-बाने से बाहर आने की छटपटाहट साफ देखी जा सकती है। |
Feedback |