घर का भेदी कांग्रेस में

November 09 2020


ऐसा होना क्या महज़ इत्तफाक है कि जब भी कोई महत्वपूर्ण चुनाव हो रहा होता है तो कांग्रेस के किसी बड़े नेता का बेतूका बयान चुनाव की धारा बदल देता है, गुजरात विधानसभा चुनाव में भी तब तक भाजपा की हालत पतली थी जब तक कि मणिशंकर अय्यर का वह बेतुका बयान सामने नहीं आया था, 2014 के आम चुनावों में भी अय्यर और जयराम रमेश ने मिल कर यही काम किया था। अब जबकि बिहार में सुप्तप्रायः कांग्रेस को तेजस्वी का साथ पाकर एक नया जीवन मिला है, गांधी परिवार के वफादार पी चिदंबरम बिहार चुनाव के ऐन दौर में अपना मुंह खोल देते हैं और कहते हैं कि ’जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की पुनर्बहाली हो।’ यह एक आत्मघाती बयान है, जिसका सीधा कनेक्शन हिंदू भावनाओं से जुड़ा है। सनद रहे कि ये वही चिदंबरम हैं जो रामसेतु मुद्दे पर हिंदू आस्था के प्रतीक भगवान राम को एक काल्पनिक चरित्र बता गए थे। अब खुलासा हो रहा है कि चिदंबरम ने जांच एजंसियों के दबाव में आकर ऐसा भड़काऊ बयान दिया है। वैसे भी चिदंबरम की कुछ अहम फाईलों पर सीबीआई, ईडी और आईबी कुंडली मार कर बैठीं हैं, शायद इसीलिए चिदंबरम भगवा आकांक्षाओं के हाथों में खेल रहे हैं।

 
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