खबरों की मुरम्मत

May 26 2015


दिल्ली का मतलब सिर्फ दर्प, विजय व आत्ममुग्धता की खुली मुनादी नहीं, बल्कि इस किले के परकोटे से नन्हीं चिड़िया को खुले आकाश में फुर्र से उड़ने की आजादी भी होनी चाहिए। देश के सबसे बड़े मीडिया समूह के मालिकों ने अपने संपादक मंडल की एक अहम बैठक बुलाई और उसमें ऐलान किया कि आने वाले दो महीनों में मोदी सरकार के खिलाफ ‘निगेटिव’ कुछ भी नहीं छपेगा। इसका बैठक में मौजूद पत्रकारों ने विरोध किया और कहा कि इससे लोगों के बीच उनके अखबार की विश्वसनीयता क्या रह जाएगी? वैसे भी अखबार की छवि कॉरपोरेट परस्त है, तब दोनों मालिकों में से एक ने बीच का रास्ता निकाला और कहा- ‘चलिए कम से कम ‘हेडलाइंस’ और ‘इंट्रो’ निगेटिव न हो, खबर आप अपने हिसाब से लिख लीजिए।’ इन दिनों यह अखबार ऐसा ही दिखने लगा है, खबरों पर हेडलाइंस अलग से चस्पां कर दी जा रही हैं।

 
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