कैसे मिलते हैं मोदी सरकार के मंत्रियों को नंबर

July 28 2021


पूर्व आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद के अनगढ़ तर्कों और बेसुरे बोलों को आप एक बिसरा अध्याय मानने की गलती मत करिए । प्रसाद की उस परंपरा को जिंदा रखने के लिए मोदी सरकार के कई मंत्री अब भी कदमताल कर रहे हैं। संसद में आपने मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री हरदीप पुरी का उग्र रूप देखा ही होगा, पेट्रोलियम कीमतों में लगी आग की तरह वे भी तृणमूल सांसदों पर सदन में भड़कते नज़र आए। विदेश राज्य मंत्री और शीर्श की चहेती मीनाक्षी लेखी का आंदोलनरत किसानों का मवाली कहना तो आपने सुना ही होगा। यानी इससे यह तय हो जाता है कि सरकार का जो भी मंत्री किंचित उग्रता और पैनी आक्रामकता के साथ सरकार का बचाव करेगा ‘एम दरबार’ में उनके नंबर बढ़ेंगे। जब अपने मंत्रिमंडल के इस बड़े फेरबदल से पहले पीएम अपने तमाम मंत्रियों के परफाॅरमेंस का मूल्यांकन कर रहे थे, तब एक प्रस्तुति गिरिराज सिंह की भी हुई थी, पीएम की अंकतालिका पर उस प्रेजेंटेशन को भले ही कम नंबर आए हों, पीएम द्वारा उनके मंत्रालय के बाबत पूछे गए दो-तीन सवालों के जवाब भी भले मंत्री महोदय संतोषप्रद तरीके से न दे पाए हों, और जब सबको ऐसा लगने लगा था कि गिरिराज सिंह कैबिनेट से ड्राॅप होने वाले हैं, ऐसे में जबकि खुद भी सिंह का आत्मविष्वास डगमगाया हुआ था उन्हें पदोन्नति दे दी गई, कैबिनेट महकमे के साथ ग्रामीण विकास जैसा अहम मंत्रालय दे दिया गया। यानी एक्जाम का पर्चा आऊट है, जो सांसद या मंत्री सरकार के बचाव में हदें लांघना जानता है, उनके लिए इस सरकार में संभावनाएं अनहद हैं।

 
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