सोम पर शनि की छाया

February 04 2017


एक ओर जहां अमेरिका में ’हार्डलाइर्न्स’ की बल्ले-बल्ले है, वहीं यूपी में सांप्रदायिक उभार व उन्माद की जमीन तैयार करने वाले नेतागणों की इस चुनाव में जमीन खिसक रही है। जैसे मेरठ के सरधना से बीजेपी के प्रखर हिंदुत्व के ’पोस्टर ब्यॉय’ संगीत सोम चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा ने उनके खिलाफ बूचड़खाना चलाने वाले हाजी याकूब के बेटे इमरान कुरैशी को मैदान में उतारा है। इमरान भी संगीत सोम की तरह आग उगलने में माहिर हैं। इन दोनों को बैलेंस करने की नीयत से सपा ने यहां से अपना एक गुर्जर उम्मीदवार अतुल प्रधान को मैदान में उतारा है, अतुल की पत्नी सीमा यहां जिला पंचायत अध्यक्ष है। 2012 के चुनाव में यहां से सोम भाजपा की टिकट पर खम्म ठोंककर जीत गए थे, चूंकि राजपूत जाति से ताल्लुक रखने वाले सोम के सजातीय 24 गांव यहां राजपूतों के हैं, तकरीबन 50 हजार वोट राजपूतों के अकेले इन गांवों में है, जो पिछली दफे थोकभाव में सोम को मिले थे, इसके अलावा जाटों के वोट भी एकमुश्त भाजपा उम्मीदवार को मिले थे। इस दफे जाट मतदाता भाजपा से नाराज़ जान पड़ते हैं। वहीं इलाके के लोगों की आम शिकायत है कि इन 5 सालों में सोम इलाके में क्या अपने गांव में भी कम नज़र आए। सो, महज भड़काऊ भाषण नहीं, इलाके के लोग अपने जन प्रतिनिधि से ‘डिलीवरी’ चाहते हैं, इस मानक पर अतुल प्रधान की तुलना में संगीत सोम का पलड़ा डगमग ही दिख रहा है।

 
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