सोरेन की गद्दी कब तक सलामत |
August 06 2022 |
राष्ट्रपति चुनाव में इस दफे झारखंड के 17 कांग्रेसी विधायकों में से 10 ने पार्टी लाइन से इतर एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है। मरांडी की पार्टी छोड़ कांग्रेस में आए कांग्रेस के 18वें विधायक प्रदीप यादव को अबतलक स्पीकर की ओर से मान्यता नहीं मिली है। फिर भी दलबदल कर नई पार्टी बनाने के लिए बागी कांग्रेस विधायकों को अपने लिए कम से कम कांग्रेसी कोटे से दो विधायक और जुटाने होंगे तब ही उनके दलबदल को कानूनी मान्यता मिल पाएगी। वैसे भी जब से हेमंत करीबियों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसा है, कहते हैं हेमंत सोरेन ने भाजपा नेतृत्व के समक्ष घुटने टेक दिए हैं, सवाल उठता है कि क्या वे कांग्रेस को स्वयं ही अलविदा कह भाजपा के साथ मिल कर झारखंड में सरकार बनाने को राजी हो जाएंगे और क्या भाजपा उनके साथ मिल कर सरकार बनाने को राजी होगी? सवाल यह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का आदिवासी प्रेम उस वक्त कहां गया था जब अतीत में झामुमो ने राष्ट्रपति पद के आदिवासी उम्मीदवार पीए संगमा के बजाए प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था? |
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