सिसौदिया की पाठशाला के नए पाठ

July 09 2021


भले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को सियासी ककहरा कंठस्थ याद हो, पर उनके डिप्टी मनीष सिसौदिया बतौर दिल्ली के शिक्षा मंत्री प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को एक नया चेहरा-मोहरा देना चाहते हैं। मनीष चाहते हैं कि दिल्ली के शिक्षार्थी इस रट्टापंथी सिस्टम से बाहर निकल, नई शिक्षा के एक नए मॉडल को अपना सकें। इसके लिए उन्होंने सीबीएसई की तर्ज पर डीबीएसई यानी ’दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’ का गठन किया है। पहले वर्ष में दिल्ली सरकार 20-25 सरकारी स्कूलों को इस नए बोर्ड से जोड़ने जा रही है। इसके बाद धीरे-धीरे दिल्ली के तमाम सरकारी स्कूल इसी बोर्ड के तहत आ जाएंगे। रही बात दिल्ली के प्राईवेट स्कूलों की तो यह निर्णय उन्हें लेना है कि वे अपने पुराने बोर्ड से ही जुड़े रहते हैं या शिक्षा नीति में एक बड़े सुधार के इस नव आह्वान में शामिल होते हैं। इसके अलावा दिल्ली सरकार ’स्कूल ऑफ स्पेश्लाइज़्ड एक्सीलेंस’ की भी नींव रखने जा रही है। यह कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के लिए है जो अपने लिए किसी खास फील्ड को चुनना चाहते हैं। यानी अगर किसी छात्र-छात्रा में कोई खास विलक्षण अभिरूचि है तो ये नवस्थापित स्कूल उनके मनमाफिक विषय की दक्षता को निखारेंगे। यानी ऐसे स्कूल किसी विद्यार्थी को शुरूआत से ही कौशल विकास में दक्ष बनाएंगे। विद्यार्थी अपने लिए विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, ह्यूमेनिटीज यानी मानविकी, परफॉरर्मिंग और विजुअल आटर्स (प्रदर्शन व दृश्य कला) में से कोई भी अपना पसंदीदा विषय चुन सकते हैं। सिसौदिया की योजना पूरे दिल्ली में ऐसे 100 स्कूल स्थापित करने की है, इसमें से 20-30 स्कूल 2021-22 में तैयार किए जा सकते हैं। इसके अलावा मनीष सिसौदिया दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल (डीएमवीएस) भी खोलना चाहते हैं, ये वैसे स्कूल होंगे जिनकी पहचान इमारतें नहीं होंगी, बल्कि इसमें अत्याधुनिक डिजिटल साधनों का इस्तेमाल कर ऑनलाइन शिक्षा की अभिनववादी बुनियाद रखी जा सकेगी। सिसौदिया की ये नई पाठशालाएं वाकई एक नए दिल्ली की उम्मीद जगाती हैं।

 
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