शराब घोटाले के तार तेलांगना से क्यों जुड़े हैं?

September 04 2022


’एक दिन तुम मुझे छोड़ कर बहुत आगे निकल जाओगे
बुना है जो रिश्ता दिलों का लेकर इसके धागे निकल जाओगे’

प्रचार और कथित ईमानदारी की धीमी आंच पर पकती दिल्ली की सियासत पर जब से शराब के छींटे पड़े हैं इसकी लपटें धू-धू कर सुर्खियों के आसमां छूने लगी हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पर जब से आबकारी नीतियों में अनियमितताओं के आरोप में सीबीआई के छापे पड़े हैं, आम आदमी पार्टी के भीतर का कोलाहल बाहर आकर चीखने लगा है। सनद रहे कि दिल्ली की आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित अनियमितताओं को लेकर पिछले साल नवंबर में ही एफआईआर दर्ज हो गई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के परम दुलारे मनीष सिसौदिया को सीबीआई ने आरोपी ‘नंबर वन’ बनाया है। भाजपा ने भी एक तीर से दो निशाने साधे हैं। तेलांगना के मुख्यमंत्री केसीआर इन दिनों विपक्षी एका के नए चैंपियन बन कर उभर रहे थे और वे पीएम मोदी और उनकी सरकार पर ताबड़तोड़ सीधा हमला बोल रहे थे। सो, सीबीआई के इस ताजा छापा प्रकरण में हैदराबाद की एक बड़ी तेलगु कंपनी को भी आरोपी बनाया गया है, आरोप है कि इस कंपनी को अकेले 13 जोन आबंटित कर दिए गए थे, जिसकी एवज में भारी-भरकम चुनावी चंदा वसूलने का आरोप लगा है। सूत्रों का दावा है कि यह तेलगु कंपनी केसीआर के किसी नजदीकी रिश्तेदार से जुड़ी है। भाजपा से जुड़े सूत्रों का दावा है कि इस डील से प्राप्त 300 करोड़ रुपयों की भारी भरकम राशि आप ने पंजाब चुनाव में खर्च की थी। दरअसल, भाजपा चाहती है कि ऐसे छापों के माध्यम से उसे चुनौती पेश कर सकने वाली राजनैतिक पार्टियों के वित्तीय स्रोतों पर लगाम लगा दिया जाए। आप को भीतरखाने से भाजपा पर मदद करने के भी आरोप लगते रहे हैं, पर आज आप सिरमौर की महत्वाकांक्षाओं ने आसमान छूने शुरू कर दिए हैं, अब वह राष्ट्रीय स्तर पर खुद को उभारने में लग गए हैं, यह बात भाजपा नेतृत्व को नागवार गुजर रही है। जैसे अभी गुजरात के एक प्रमुख भाषायी अखबार ने सौराष्ट्र में चुनावी जनमत सर्वेक्षण पेश किया है, जिसमें बताया गया है कि सौराष्ट्र की 56 सीटों पर आप ने कांग्रेस को रेस से बाहर कर दिया है और इन सीटों पर वह भाजपा के समक्ष महती चुनौती उपस्थित कर रही है।

 
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