लंदन में टैगोर का बंगला खरीदेगी ममता सरकार

November 01 2021


नार्थ लंदन के हेमस्टिड इलाके का एक बंगला कवि गुरू रविन्द्रनाथ टैगोर से अपने कनेक्शन के लिए हमेशा से चर्चा में रहा है क्योंकि सन् 1912 में इस बंगले में टैगोर एक वर्ष के लिए रुके थे और यहीं पर उन्होंने अपनी अनुपम कृति ‘गीतांजलि’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया था, गीतांजलि के लिए ही टैगोर को नोबेल मिला था। अब लंदन स्थित यह घर भद्रलोक बंगाली मानुष के लिए एक तीर्थस्थान बन गया, जिस भद्रलोक बंगाली को लंदन जाने का मौका मिलता था वह इस बंगले के दर्शन को जरूर जाता था। ज्योति बसु भी जब लंदन में पढ़ रहे थे तो वे यहां एक से ज्यादा मौकों पर गए थे। 2015 में जब मुख्यमंत्री रहते ममता लंदन गईं तब उन्होंने इंडियन हाई कमीशन के समक्ष इस बंगले को खरीदने की इच्छा जताई थी। लेकिन तब यह बंगला बिकाऊ नहीं था। ममता ने अपने मेजबान स्वराज पॉल से भी तब आग्रह किया था कि वे इस बंगले पर नज़र बनाए रखें। इस विला का निर्माण 1863 में हुआ था। पर आज यह बंगला बिकने को तैयार है, इसको बेचने का जिम्मा ‘गोल्डस्मिीड्ज एंड हाउलैंड’ कंपनी के पास है, जिसने इस बंगले की कीमत 2.7 मिलियन पाऊंड यानी कोई 28 करोड़ रूपए रखी है। कहते हैं इस कंपनी के डायरेक्टर भारतीय मूल के निब्स लखानी ममता के लोगों के लगातार संपर्क में हैं। लंदन में रह रहे दो अप्रवासी भारतीय उद्योगपति स्वराज पॉल और लक्ष्मी मित्तल ममता सरकार की ओर से इस सौदे को अंतिम रूप दे रहे हैं, बंगला एक बार ममता सरकार के पास आ गया है तो इसे ’टैगोर मेमोरियल’ का रूप दिया जा सकेगा ताकि बंगाल प्राइड का परचम लंदन में भी लहरा सके।

 
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