योगी-चौहान को सख्त फरमान

November 28 2021


सियासत में संकेतों के आइने ही तय करते हैं नायक व प्रतिनायकों के चेहरे। अब यहां दो घटनाओं का जिक्र करते हैं, पहली घटना मध्य प्रदेश की है, यह 15 नवंबर की घटना है, जब पीएम मोदी गोंडरानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करने भोपाल पहुंचे थे। इस मौके पर एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान पीएम के कदम से कदम मिला कर चल रहे थे और चलते हुए उनसे कुछ बात भी कर रहे थे कि उद्घाटन स्थल तक पहुंचने से पहले अचानक एसपीजी अवतरित होती है और वह शिवराज का हाथ पकड़ कर उन्हें पीएम से पीछे कर देती है। पर पीएम पीछे मुड़कर देखते तक नहीं हैं इस घटना पर बाद में भोपाल के कलेक्टर का बयान आता है कि प्रशासन को सीएम को कुछ बेहद जरूरी मैसेज पहुंचाना था जो एसपीजी के माध्यम से उन तक पहुंचाया गया। पर यह बात हजम होने वाली है नहीं, चाहे कलेक्टर साहब अपने सीएम के फेस सेविंग के लिए कुछ भी कहते रहें। इसके अगले ही रोज यानी 16 नवंबर को ऐसी ही एक घटना आदित्यनाथ योगी के साथ हो जाती है। 16 नवंबर को यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का अहम मौका था, लोग थे, कैमरों की गवाही थी, एसपीजी ने योगी की आंखों के आगे पीएम को अपने घेरे में लिया और पीएम अपनी गाड़ी में सवार होकर आगे निकल पड़ते हैं। कैमरों में दिखा कि कैसे पैदल ही तेज कदमों से चलते सीएम योगी पीएम की गाड़ी के पीछे चल रहे हैं। सोशल मीडिया पर मजाक भी चल पड़ा-’अभी तो चुनाव के नतीजे भी नहीं आए हैं और योगी को पैदल कर दिया गया है।’ पीएम चाहते तो योगी को अपने साथ गाड़ी में बिठा सकते थे पर क्या उनकी मंशा एक साफ संदेश देने की थी। वैसे भी दिल्ली में नए निज़ाम के बाद 2014 से प्रोटोकॉल में भी कई बदलाव आए हैं, जैसे कि कैमरों के फोकस में पीएम सबसे आगे चलेंगे निपट अकेले, नायकत्व की आन-बान में उलझे, राजनाथ सिंह ने भी गणतंत्र दिवस की परेड पर राजपथ पर इसे बूझ लिया था, पीएम के साथ चलते-चलते अचानक से वे पीछे हो गए थे, फेसबुक मुख्यालय में मार्क जुकरबर्ग इसे नहीं समझ पाए तो पीएम ने ही उन्हें हाथ पकड़ कर पीछे कर दिया, पीएम के विमान का भी यही प्रोटोकॉल है कि अगले गेट से सिर्फ पीएम उतरेंगे, निपट अकेले, बाकी के लोग विमान के पिछले दरवाजे से बाहर निकलेंगे। नायकत्व की यह दरकार भी है और उसका ऐलान भी।

 
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