’तुम छू लेते इक बार तो ख्वाहिशें हो जातीं मुकम्मल
वरना हमने भी सदियां बिस्तर पर करवटें बदलते काटी हैं’
नया साल कईयों के लिए उम्मीदों का नया सवेरा लेकर आया है, खास कर वैसे लोगों के लिए जो नए साल से सियासी पिच पर अपनी बारी के इंतजार में थे। विश्वस्त सूत्र खुलासा करते हैं कि ’मोदी मंत्रिमंडल का यह फेरबदल बजट सत्र के पहले यानी 15 से 31 जनवरी के बीच कभी भी हो सकता है।’ इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16-17 जनवरी को हो रही है, माना जा रहा है कि इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल बढ़ाने पर भी मुहर लग सकती है। दरअसल, संघ चाहता है कि कम से कम 2024 के आम चुनावों तक पार्टी की बागडोर नड्डा के पास ही रहे। अगर इन सबके बावजूद भी नड्डा को हटाना पड़ा तो केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी जगह पक्की मानी जा रही है। आपको बता दें कि आने वाले 20 जनवरी को नड्डा का अध्यक्षीय कार्यकाल खत्म होने वाला है। सूत्र बताते हैं कि केंद्र में 12 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं, एनडीए के सहयोगी दलों को भी इस विस्तार में पर्याप्त जगह मिलने वाली है। जैसे मंत्री बनने वालों में लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान की जगह पक्की मानी जा रही है। किसान आंदोलन से कुट्टी कर गए अकाली दल की भी वापसी हो रही है, हरसिमरत कौर फिर से केंद्र में मंत्री बन सकती हैं। शिवसेना के 12 सांसद जो शिंदे गुट में शामिल हो गए थे, उनमें से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। हिमाचल चुनाव में अनुराग ठाकुर के दोहरे मापदंडों (कहा जाता है कि कई भाजपा बागी इनके संपर्क में थे) की वजह से उनके पर कतरे जाने के कयास हैं। पीयूष गोयल को फिर से रेल मंत्रालय का जिम्मा मिल सकता है। गोवा प्रकरण को लेकर पार्टी हाईकमान भले ही स्मृति ईरानी से खुश न हो, पर यूपी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिले अभूतपूर्व समर्थन से संकेत मिल रहे हैं कि इस बार राहुल फिर से अमेठी से मैदान में होंगे, उन्हें टक्कर देने के लिए भाजपा के पास स्मृति ईरानी से बढ़ कर कोई और तुरूप का इक्का नहीं, सो उनकी मंत्री की कुर्सी तो फिलहाल सलामत ही मानी जा रही है। कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों को भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिल सकता है। किसान आंदोलन में मोदी की किरकिरी कराने वाले नरेंद्र सिंह तोमर की छुट्टी के कयास हैं, बिहार के दो मंत्रियों की भी छुट्टी की बात चल रही है। ‘पर होइए वही जो मोदी मन रचि राखा।’