‘धूप कभी तो लौटेगी, कभी तो छंटेगा अंधियारा,
लौट आएगा सूरज, दुम दबा कर भागेगा अंधेरा’
तृणमूल कांग्रेस की फायर ब्रांड नेता महुआ मोइत्रा ने भाजपा के बाद अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी रार ठान ली है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने के लिए महुआ को 13 मिनट का वक्त ‘अलाॅट’ किया गया था। गुरुवार को सदन में बोलते हुए उन्हें कोई पांच मिनट भी नहीं बीते थे कि चेयर पर आसीन रमा देवी ने महुआ को टोक दिया-’आप इतने गुस्से में क्यों बोल रही हैं?’ महुआ की तंद्रा भंग हुई, अभी उनके बोलते हुए 10 मिनट भी नहीं हुए थे कि उनका माईक बंद हो गया। हालांकि सभापति रमा देवी को जवाब देने से भी वह नहीं चूकी थीं, उन्होंने चेयर से मुखातिब होकर कहा-’गुस्सा हूं तो बोल रही हूं।’ इसके बाद महुआ ने अपनी शिकायत लोकसभा स्पीकर के पास दर्ज कराई, पर जब उन्हें वहां से कोई माकूल जवाब नहीं मिला तो महुआ ने इस घटना का बकायदा ट्वीट कर दिया-’मेरे कीमती समय में बाधा डालने वाला चेयर कौन होता है? मैं गुस्से में बोलूं या प्यार से, मेरा टोन तय करना आपका काम नहीं।’ महुआ के इस ट्वीट से स्पीकर इतने आहत हुए कि उन्होंने बिना किसी का नाम लिए नाराज़गी जताते हुए कहा कि ’अध्यक्ष पीठ के बारे में किसी को भी चाहे सदन के अंदर या बाहर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।’ उन्होंने सदन के सम्मानित सदस्यों को हिदायत दी-’कोई भी सदस्य चाहे सदन में, सदन के बाहर, सोशल मीडिया में या फिर मीडिया में आसन को लेकर कोई टिप्पणी न करें, यही उचित होगा।’ अब महुआ को लेकर तृणमूल में भी दोफाड़ है क्योंकि उन्होंने अदानी-अंबानी के खिलाफ बोल कर अपनी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को पहले ही नाराज़ कर दिया था और ममता इस बात के लिए महुआ को सार्वजनिक रूप से डपट भी चुकी हैं। सो, ले-देकर टीएमसी की ओर से महुआ के बचाव में सुदीप बंधोपाध्याय ही बाहर निकल कर सामने आ पाए, उन्होंने महुआ के बचाव में इतना तो अवश्य ही कहा-’स्पीकर पार्टी से ऊपर होता है।’