मंत्री जी को इंटरव्यू देना महंगा पड़ा |
June 19 2022 |
पिछले दिनों केंद्रीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने एक अंतरराष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका को अपना लंबा इंटरव्यू दिया, जो भारत की विदेश नीति खास कर क्वाड और यूक्रेन मुद्दे को लेकर था। कहते हैं जैसे यह इंटरव्यू पीएमओ की संज्ञान में आया, उन्हें तलब कर कहा गया कि ’भले ही आप विदेश मंत्री हों पर भारत की आधिकारिक विदेशी नीति पर बोलने या इंटरव्यू देने से पहले आपको पीएमओ की मंजूरी लेनी चाहिए थी, क्योंकि यह पीएम का विशेषाधिकार है।’ विदेश मंत्री को हिदायत दी गई कि वे फौरन अपना इंटरव्यू छपने से पहले उसे कैंसिल करें। हैरान मंत्री ने फौरन उस साप्ताहिक पत्रिका के इंडिया हेड से बात की, पर पत्रिका वह इंटरव्यू रोकने के लिए तैयार नहीं हुई। तो फिर न्यूयॉर्क स्थित काउंसलेट जनरल को आगे आना पड़ा वे भागे-भागे पत्रिका के दफ्तर में पहुंचे और उसके एडिटर इन चीफ से मान मुनौव्वल की। बड़ी मुश्किल से उन्होंने पत्रिका के प्रधान संपादक को इस इंटरव्यू के प्रकाशित होने से रोकने के लिए मनाया। फिर नाराज़ संपादक ने कहा वे भले ही इंटरव्यू रोक रहे हैं, पर कोई उन्हें यह ट्वीट करने से नहीं रोके कि इस मामले में भारत और चीन की नीतियों में कोई फर्क नहीं है। |
Feedback |