भाजपा की चिंता हरने के लिए आगे आया संघ |
June 06 2021 |
यूपी पंचायत चुनाव, बंगाल चुनाव और कोविड कुप्रबंधन की तोहमतें झेलती सरकार और पार्टी को अभयदान देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सियासी अनिश्चितताओं के भभकते सूरज को भी लील लेने को तैयार है। पखवाड़े भर पूर्व पीएम के साथ मैराथन बैठक, फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इस गुरूवार को मोदी सरकार के चंद महत्वपूर्ण मंत्रियों के साथ संघ कार्यालय में शीश नवा आए और इस शनिवार से दिल्ली में आहूत हुई तीन दिवसीय संघ की बैठक का एजेंडा भी कहीं न कहीं भाजपा के आसपास घूम रहा है। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, भैय्याजी जोशी और सुरेश सोनी जैसे संघ के वरिष्ठ नेताओं के अलावा दत्तात्रेय होसाबोले की नई टीम के 8 अन्य नेतागण भी शामिल हैं। देश और राज्यों के पिछले कुछ चुनाव इस बात की चुगली खाते हैं कि हालिया वर्षों में कैसे संघ भाजपा के लिए ’बूथ मैनेजमेंट’ से लेकर एक’ इनपुट गिविंग एजेंसी’ के तौर पर काम करने लगा हैं। संघ रणनीतिकारों को कहीं शिद्दत से यह इल्म हो चला है कि बनिए और अगड़ी जातियों में उनका हिंदुत्व का बिगुल अपने सेचुरेशन पर आ गया है, जब से केंद्र में मोदी की सरकार आयी है संघ ने अपने और भाजपा के लिए एक बौद्धिक वर्ग भी तैयार कर लिया है। संघ अब एक बड़े बदलाव की इबारत लिखना चाहता है कि कैसे वह पिछड़ी, अति पिछड़ी, दलित, महादलित और जनजातियों में अपनी पैठ बना सके, संघ जानता है कि अगर इन जातियों को ठीक से साधा नहीं जाएगा तो पूर्ण हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को कभी मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता और यह ध्रुवीकरण सिर्फ और सिर्फ धर्म के आधार पर ही संभव है। सो, अपने नए प्रयासों में संघ दलितों और जनजातियों के पूज्य आदर्शों जैसे सुहेलदेव, दलदाऊ पासी, रविदास के महिमा मंडन के लिए इवेंट करने लगा है। पिछड़ी, अति पिछड़ी जातियों को लुभाने के लिए कोटा के अंदर ’कोटा’ की बात करने लगा है। अति पिछड़ी जातियों जैसे निषाद, बिंद, कसैरा, कुम्हार, ठठेरा और तंबोली, गैर जाटव दलित, मुसहर, नट, कंजर जातियों में वह अपने पैर पसार रहा है। कच्ची ताड़ी का बुंदेलखंड इलाके में व्यवसाय करने वाली कबूतरा जाति के लोगों के लिए मंदिर बनाने में सहयोग कर रहा है, नट और सपेरा जातियों के बीच भी संघ के लोग दिन-रात काम कर रहे हैं, इसके बारे में प्रोफेसर बद्रीनाथ की हालिया प्रकाशित पुस्तक ’रिपब्लिक ऑफ हिंदुत्व: हाऊ द् संघ रिशेपिंग द इंडियन डेमोक्रेसी’ में बहुत विस्तार से चर्चा हुई है कि कैसे भारतीय राजनीति में संघ एक बड़े बदलाव का सूत्रपात कर चुका है। |
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