’इन रौशन उजालों से मेरी दोस्ती आज काम आई है
नहीं तो राह में जो भी मिला अंधेरों का कर्जदार मिला’
शाहरूख खान के बेटे आर्यन को भले ही ‘बेल’ मिल गई हो और वह घर आ गया है, पर शाहरूख को अब भी चैन नहीं है, उनकी असली चिंता अपने पुत्र के मानसिक स्थिति को लेकर है, शाहरूख से जुड़े सूत्र खुलासा करते हैं कि जब से आर्यन घर आया है, वह गुमसुम है, बेहद सदमे में है, वह किसी से बात नहीं कर रहा, उन्होंने अपने को एक कमरे में बंद कर लिया है। बस शुक्रवार को एनसीबी दफ्तर में हाजिरी देने के लिए आर्यन अपने घर से निकले थे। सूत्रों की मानें तो आर्यन के लिए आर्थर जेल में बिताए गए वे दिन किसी यंत्रणा से कम नहीं थे, कई दिनों तक तो वे जेल में सो ही नहीं पाए। स्वभाव से अंतर्मुखी अपने बेटे को अवसाद के इस दौर से बाहर निकालने के लिए शाहरूख इन दिनों अमेरिका के एक प्रख्यात मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के निरंतर संपर्क में हैं। कहते हैं कि वह एक्सपर्ट इन दिनों आर्यन के ’लाइफ कोच’ की मानिंद आचरण कर रहे हैं। शाहरूख चाहते थे अपने बेटे को अमेरिका ले जाना, पर चूंकि आर्यन का पासपोर्ट एनसीबी के पास जमा है सो वे चाह कर भी फिलहाल देश नहीं छोड़ सकते। सो, ये अमेरिकी एक्सपर्ट भी आर्यन की ऑनलाइन ही मदद कर पा रहे हैं। शाहरूख के एक नजदीकी बताते हैं कि आर्यन बचपन से ही बेहद अंतर्मुखी और शर्मीले रहे हैं, उन्हें कैमरों से भी बचपन से परहेज रहा है, सो मौजूदा हालात से सामंजस्य बिठाने में इन दिनों उन्हें काफी मुश्किलें आ रही है। कहीं न कहीं पूरी दुनिया में यह धारणा बनी है कि शाहरूख सियासी असहमतियों के शिकार हुए हैं। शाहरूख के समर्थन में राहुल गांधी का हालिया बयान भी इसी धारणा को बल देता है, कहते हैं कि कई विदेशी पत्र-पत्रिका बेटे आर्यन के मुद्दे पर शाहरूख का पक्ष जानने के लिए उनका विस्तार से इंटरव्यू चाहते हैं, पर इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से शाहरुख बच रहे हैं क्योंकि वे मौजूदा तंत्र से कोई रार नहीं ठानना चाहते।