नेताजी के अंतिम संस्कार में राजनैतिक सद्भाव

October 31 2022


समाजवाद के पुरोधा पुरुष में शुमार होने वाले मुलायम सिंह यादव के निधन पर सैफई में विभिन्न दलों के नेताओं का उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए तांता लग गया। आए तो राजनाथ सिंह और अमित शाह भी, पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जेपी की जयंती के मौके पर उनके गांव सिताब दियारा जाकर अमित शाह के साथ उस जयंती समारोह में हिस्सा लेने का कार्यक्रम था, उस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद योगी लौट कर सैफई आए और नेताजी के अंतिम संस्कार में हिस्सा भी लिया। योगी ने राज्य में तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान भी किया। यूपी सरकार के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत योगी सरकार के अधिकांश मंत्रियों की उपस्थिति सैफई में दर्ज हुई। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जिनका अखिलेश के साथ नजदीकी रिश्ता भी है, वे भी वहां मौजूद थे, जयंत चौधरी भी आए थे, पर अखिलेश की ओर से इन्हें कोई खास तवज्जो नहीं मिली। मुलायम के दूसरे पुत्र प्रतीक यादव भले ही तमाम रस्मों में शरीक रहे पर उनकी अखिलेश के साथ एक दूरी दिखी। प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव जो भाजपा खेमे में चली गई है, उनसे अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव ने भी एक दूरी बना रखी थी। पहले यह शोर था कि प्रियंका गांधी भी आएंगी पर बाद में कांग्रेस ने एक पत्र जारी करके कहा कि नेताजी के अंतिम संस्कार में कमलनाथ और भूपेश बघेल आएंगे, यह पत्र जारी करने की परंपरा अनोखी थी। लोगों और मीडिया का सबसे ज्यादा ध्यान भाजपा के बागी नेता वरुण गांधी ने खींचा जो अपनी मां मेनका गांधी के साथ वहां पहुंचे थे। वरुण को देख कर भाव विह्वल होकर अखिलेश उनके गले से लग गए, यह भावुक क्षण था, पर इसमें दूरगामी राजनीति के संकेत भी छुपे थे।

 
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