दीदी पीके से इतनी नाराज़ क्यों हैं?

February 27 2022


माना जा रहा है कि इन दिनों ममता बनर्जी को पीके फूटी आंखों भी नहीं सुहा रहे। इन दोनों के बीच अनबन इतनी ज्यादा हो गई है कि अभिषेक बनर्जी की राय पर पीके ने कोलकाता छोड़ दिल्ली की ठौर पकड़ ली है। कहते हैं इस अनबन की शुरूआत बंगाल के म्यूनिसिपल चुनावों से हुई, ममता ने यह काम पीके को सौंप रखा था। पीके जब सिलीगुड़ी म्यूनिसिपल काॅरपोरेशन का काम देखने के लिए बागडोगरा उतरे तो वहां उनकी मुलाकात दार्जिलिंग के गोरखा नेताओं से हुई और दीदी से पूछे बगैर पीके ने गोरखा नेताओं से वादा कर दिया कि सिलिगुड़ी निकाय की कुछ सीटें तृणमूल उनके लिए छोड़ देगी। इन सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। जब इस बात की खबर ममता को लगी तो वह उबल पड़ीं, ममता का कहना था कि ’जब ये लोग भाजपा के साथ हैं तो हम इनके लिए क्यों सीट छोड़ दें?’ कोलकाता निकाय चुनावों के मद्देनज़र पश्चिम बंगाल की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने ममता को शिकायत भेजी कि कोई 55 लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई हैं कि उनसे टिकट के एवज में पैसे मांगे गए हैं। ममता ने फौरन वह लिस्ट रद्द कर दी और उस लिस्ट की जगह आनन-फानन में एक नई लिस्ट जारी की गई। इस बात से पीके भी नाराज़ हुए और उन्होंने ममता को एसएमएस भेजा कि इन हालात में उनके लिए काम करना मुश्किल होगा, ममता ने फौरन जवाब दिया-’ओके’। इसके बाद एलआईयू ने ममता को बताया कि दरअसल ये 55 नहीं बल्कि 300 ऐसे लोग हैं जिन्होंने एफिडेविट देकर कहा है कि उनसे टिकट के एवज में पैसे मांगे गए थे। इसके बाद पीके एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी सफाई पेश करना चाहते थे, तब अभिषेक ने उन्हें समझाया कि बेहतर होगा कि वे दीदी से कोई पंगा न लें और कोलकाता छोड़ दिल्ली के लिए निकल जाएं, क्योंकि उन्होंने अगर हद लांघी तो उनके खिलाफ आनन-फानन में बंगाल के विभिन्न इलाकों में कई एफआईआर दर्ज करायी जा सकती है। दीदी ने इसके बाद पीके के खासमखास पवन वर्मा को पार्टी की एक महत्वपूर्ण कमेटी से हटा दिया और उनके स्थान पर यशवंत सिन्हा को नियुक्त कर दिया यानी जंग चालू है।

 
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