तेजप्रताप की जगह डिंपल क्यों उतरीं मैदान में?

November 23 2022


’घर-घर में आज भी चल रही राम कथा है
विभीषण जिंदा है, सीता की वही पुरानी व्यथा है’
यादव परिवार की इस चिंता ने कि ‘घर का भेदी अगर लंका ढाह सकता है’ तो फिर मैनपुरी का उप चुनाव किस खेत की मूली है, इस ख्याल ने अखिलेश को सपा प्रत्याशी बदलने पर मजबूर कर दिया। मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी संसदीय सीट पर 5 दिसंबर को उप चुनाव होने हैं। भाजपा को जैसे ही पता चला कि अखिलेश यहां से तेजप्रताप यादव को मैदान में उतारना चाहते हैं, भगवा पार्टी ने अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव पर दांव लगाने का मन बना लिया, स्वयं योगी ने शिवपाल को फोन कर दिया, शिवपाल उस वक्त दिल्ली में थे, वे भागे-भागे लखनऊ पहुंचे, मुख्यमंत्री के संग उनकी मुलाकात में फिर यह तय हो गया कि वे मैनपुरी से भाजपा के उम्मीदवार होंगे। जब यह बात अखिलेश को पता चली तो उन्होंने आनन-फानन में तेजप्रताप की जगह मैनपुरी के मैदान में डिंपल को उतारने का फैसला कर लिया। पर सूत्रों की मानें तो डिंपल चुनाव लड़ने की इच्छुक नहीं थी, उन्हें कन्नौज और फिरोजाबाद में मिली हार का दंश अभी भी परेशान कर रहा था। अखिलेश ने बमुश्किल उन्हें चुनाव लड़ने को मनाया, यह कहते हुए कि यह परिवार की इज्जत का सवाल है। डिंपल मान गईं तो चाचा शिवपाल के समक्ष धर्मसंकट पैदा हो गया, उन्होंने योगी को फोन कर के कहा कि ’माफ कीजिएगा मैं बहू के सामने चुनाव नहीं लड़ सकता।’ योगी ने समझाना चाहा, पर शिवपाल नहीं माने, यानी अखिलेश का ‘मास्टर स्ट्रोक’ चल निकाला।

 
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