झारखंड में सियासी हलचलें तेज

April 24 2022


झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार गिराने की पूर्व में भी कई कोशिशें हो चुकी है। भाजपा वहां अब भी कांग्रेस को अपना सबसे आसान शिकार मानती है। पूर्व में कांग्रेस के 10 विधायक दिल्ली आकर अमित शाह और ओम माथुर से मिल चुके हैं। झारखंड में कांग्रेस के 16 विधायकों में से तो चार तो मंत्री हैं, उनके टूटने का सवाल पैदा नहीं होता, 3-4 विधायक ऐसे हैं जो विशुद्ध रूप से ईसाई अधिपत्य वाली सीटों से जीते हैं, जिनमें खिजरी, कोलिबीरा और जगन्नाथपुर के विधायक शामिल हैं। इन कांग्रेसी विधायकों का कहना है कि ’वे कांग्रेस से टूट कर अलग पार्टी बनाने को तैयार हैं पर भाजपा में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में क्रिश्चियन वोटर ही निर्णायक हैं।’ कांग्रेस के ये विधायक भाजपा के सीएम फेस को लेकर भी सशंकित हैं, वे न तो अर्जुन मुंडा को बतौर सीएम चाहते हैं और न ही बाबूलाल मरांडी को। इस वजह से भी यह पेंच फंसा है। वैसे भी झारखंड के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे की अपने विधायकों पर कोई पकड़ नहीं, सो कांग्रेस के विधायकों को स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन डायरेक्ट हेंडल कर रहे हैं और वक्त-वक्त पर उनसे डील भी, ताकि उनकी सत्ता सलामत रहे।

 
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