घर को आग लगी घर के चिराग से |
July 09 2021 |
महत्वाकांक्षाओं के नए हिंडोलों पर सवारी गांठने के आदी हो चुके चिराग पासवान से रौशन उजालों ने जैसे कुट्टी कर ली हो, चाचा पारस के चतुर सियासी मूव से फिलहाल वे लड़खड़ा गए लगते हैं। चिराग की सबसे बड़ी तकलीफ इस बात को लेकर है कि जिस बीजेपी पर उन्होंने ‘ब्लाइंड’ खेला था, उनके लिए मात का दांव वहीं से आया है। सूत्रों की मानें तो नीतीश के कहने पर एक शक्तिशाली भाजपा महासचिव ने यह पूरी व्यूह रचना रची, लल्लन सिंह ने महेश्वर हजारी के मार्फत पशुपति पारस को साधा, इस भाजपा महासचिव ने लोकसभा स्पीकर से बात कर चिराग से टूटे पांचों सांसदों के लिए मैदान आसान कराया और खेल हो गया। कहते हैं बाहुबली सूरजभान के भाई चंदन सिंह को आश्वासन मिला है कि उनके परिवार पर पहले से चल रहे मामलों में ढील मिलेगी, लोजपा के एक और सांसद महबूब अली कैसर को हज कमेटी का चैयरमैन बनाने का आश्वासन मिला है, सांसद वीणा देवी के एमएलसी पति बिहार सरकार में मंत्री हो सकते हैं, चिराग के चचेरे भाई प्रिंसराज से वादा हुआ है कि उन्हें पार्टी चलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। और पशुपति पारस से केंद्र में मंत्री बनाने का वादा है। लोजपा के पार्टी संगठन में भी तोड़-फोड़ की कवायद जारी है, तमाम प्रदेश अध्यक्षों से पार्टी लेटर हेड पर पारस ग्रुप ने पहले ही उनसे समर्थन की चिट्ठी मांग ली थी, पार्टी संगठन के अधिकांश पदाधिकारियों का समर्थन भी पारस गुट ने हासिल कर लिया है, लोजपा का गठन 2001 को हुआ था, इसके बाद का कोई ब्यौरा चुनाव आयोग को भेजा ही नहीं गया। सो, फिलवक्त चिराग दरकिनार कर दिए लगते हैं, पर वे चाहे तो बिहार के 5 फीसदी सजातीय दुसाध वोटरों का समर्थन हासिल करने के लिए राज्य में घूम-घूम कर अलख जगा सकते हैं। |
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