क्या ममता का करिश्मा फीका पड़ रहा है?

September 24 2022


’यह आना-जाना तो लगा रहता है, आसमां के घर कौन सगा रहता है
कहां कौन लिख कर देता है पर्चियां, हर एक के पहलू में दगा रहता है’

तृणमूल नेत्री ममता बनर्जी यूं तो जाहिरा तौर पर विपक्षी एका की नई सिरमौर बनने की मशक्कत में जुटी हैं, पर लगता है कि उनके अपने घर को ही दुश्मनों की नज़र लग गई है। दल-बदल की चैंपियन धरती गोवा की ही मिसाल ले लीजिए, लुईजिन्हो फ्लेरियो जो गोवा चुनाव से ऐन पहले टीएमसी में आए, विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़े, सीधे राज्यसभा की ठौर पकड़ ली, इनसे इन दिनों ममता बेहद नाराज़ बताई जाती हैं। गोवा के पूर्व सीएम रह चुके फ्लेरियो ने विधानसभा के सात चुनाव जीते हैं, बावजूद इसके ममता ने उन्हें टीएमसी के गोवा के कोर कमेटी में जगह नहीं दी। ममता को शायद इस बात का इल्म हो चुका है कि फ्लेरियो इन दिनों अपनी ख्वाहिशों पर भगवा रंग चढ़ा रहे हैं, सो राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के चुनावों में उन्होंने टीएमसी से इतर एनडीए लाइन का समर्थन किया, इनके वोट द्रौपदी मुर्मू और जगदीप धनखड़ के समर्थन में गए। ममता को सूचना मिल गई है कि फ्लेरियो बहुत जल्द भाजपा के पाले में जा सकते हैं। सूत्र खुलासा करते हैं कि इसकी एक बड़ी वजह है, फ्लेरियो परिवार का एक बड़ा और आलीशान रिसार्ट कोस्टल क्षेत्र में है, जो कानूनी परिभाषा में अब भी अवैध दर्जे में आता है, सरकार चाहे तो इसे कानूनी परिभाषा के अंतर्गत ला सकती है पर यह प्रक्रिया बेहद जटिल और लंबी है, इसे वैध करने की प्रक्रिया में तीन साल तक का समय लग सकता है। गोवा में भाजपा की सरकार बने अभी छह महीने भी नहीं गुजरे हैं, कांग्रेस के 8 विधायक पहले ही टूट कर भाजपा के पाले में आ चुके हैं, विपक्ष के नाम पर गोवा में एक बड़ा शून्य रह गया है, सो फ्लेरियो अब किसी किस्म का रिस्क नहीं लेना चाहते।

 
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